गुरुग्राम और नूंह जिलों में 10,000 एकड़ भूमि पर अरावली सफारी पार्क होगा स्थापित
नई दिल्ली, 23 फरवरी ; हरियाणा में कई ऐतिहासिक स्मारक हैं जो हमारे इतिहास और विरासत का हिस्सा हैं। भावी पीढ़ियों के लिए इन्हें संरक्षित और सुरक्षित रखने की जरूरत है। संरक्षित स्थलों और स्मारकों के उचित संरक्षण व रख-रखाव सुनिष्चित करने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधानसभा में वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए पर्यटन और विरासत क्षेत्र के लिए 242.43 करोड़ रुपये आवंटित किए जो कि चालू वर्ष के 165.37 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों की तुलना में 46.59 प्रतिशत की वृद्धि है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक, प्रौद्योगिकी आधारित अनुभव केंद्र, ज्योतिसर 240 करोड़ रुपये की लागत से 17 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बनाया गया विष्व के सबसे बड़े शून्य उत्सर्जन संग्रहालयों में से एक होगा। इसी प्रकार, अग्रोहा की पुरातात्विक खोजों और भारत की प्राचीन सभ्यताओं व विरासत को प्रदर्षित करने के लिए अग्रोहा में एक संग्रहालय और व्याख्या केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, भारत सरकार के साथ सांझेदारी में गुरुग्राम और नूंह जिलों में 10,000 एकड़ भूमि पर अरावली सफारी पार्क स्थापित करेगी। परियोजना डिजाइन के लिए अनुबंध किया जा चुका है और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को प्रस्तुत करने के लिए डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। इसका कार्य वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में शुरू होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि भारत विविधताओं से भरा देश है। इसकी संस्कृति हमें एक सूत्र में बांधकर रखती है। पूरे प्रदेश में भारत के प्रत्येक राज्य की कला, शिल्प, भोजन और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए उस राज्य की स्थापना तिथि के आसपास ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के तहत एक राज्य दिवस के अनुसार आयोजन करने का प्रस्ताव है ताकि हरियाणा के लोग भारत की विविधता को आत्मसात कर सकें।