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- केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने आयोजन से जुड़ी तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन के साथ की बैठक, डीसी निशांत कुमार यादव ने विभागीय अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
गुरुग्राम, 14 अक्टूबर। आजादी के अमृत काल में एक भारत-श्रेष्ठ भारत के ध्येय के साथ शुरू की गई अमृत कलश यात्रा के अंतिम चरण में देश के प्रत्येक गांव व कस्बों से एकत्रित की गई मिट्टी को दिल्ली ले जाया जाएगा। जहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश के महान वीरों के सम्मान में 31 अक्टूबर को इन अमृत कलशों की मिट्टी दिल्ली में बनी अमृत वाटिका में रखेंगे। यात्रा में देशभर के विभिन्न राज्यों से अमृत कलश यात्री 28 अक्टूबर से ही दिल्ली पहुँचना शुरू करेंगे। यात्रा के दौरान किसी यात्री को असुविधा का सामान ना करना पड़े इसके लिए गुरुग्राम के धनचारी कैम्प में 28 से 31 अक्टूबर तक करीब 12 हजार यात्रियों के ठहरने की विशेष व्यवस्था की जा रही है।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती उमा नंदूरी ने यह जानकारी शनिवार को डीसी निशांत कुमार की अध्यक्षता में जिला प्रशासन गुरुग्राम के साथ बैठक के दौरान दी।
धनचारी कैम्प में आयोजित इस बैठक में संस्कृति मंत्रालय से आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के निदेशक राजीव कुमार, मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी पी. कुमार व डीसीपी हेडक्वार्टर दीपक गहलावत भी मौजूद रहे।
बैठक में श्रीमती उमा नंदूरी ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि चूंकि गुरुग्राम विभिन्न राज्यों के लिए दिल्ली में प्रवेश का प्रमुख मार्ग है। इसलिए अमृत कलश यात्रियों के ठहराव के लिए धनचारी कैम्प का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि देश के अलग अलग मार्गो से करीब दो सौ बसों में बारह हजार यात्री 28 अक्टूबर से गुरुग्राम पहुँचना शुरू होंगे। कैम्प में यात्रियों के रजिस्ट्रेशन के लिए डेस्क की सुविधा दी जाएगी। वहीं अमृत कलश के कलेक्शन के लिए भी अलग ज़ोन बनाया गया। उन्होंने बताया कि यात्रियों के ठहराव के लिए धनचारी कैम्प में कुल बारह हैंगर बनाये जा रहे हैं। जिसमें दस हेंगर पुरूष यात्रियों व दो हैंगर महिला यात्रियों के लिए होंगे। प्रत्येक हैंगर में करीब एक हजार यात्रियों की ठहरने की व्यवस्था रहेगी। कैम्प में मिनी भारत जोन का भी एक पंडाल होगा जिसमें देश के गौरव व संस्कृति से जुड़े सेल्फ़ी पॉइंट भी विकसित किये जायेंगे। चूंकि यह व्यवस्था तीन दिन रहेगी ऐसे में कैम्प में शाम के समय यात्रियों के लिए देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को दिल्ली में यात्रियों के आवगमन की सुगम व्यवस्था के लिए गुरुग्राम से विशेष मेट्रो ट्रेन भी चलाई जाएंगी जो गुरुग्राम के निर्धारित मेट्रो स्टेशन से उन्हें आयोजन स्थल तक लेकर जाएंगी।
डीसी निशांत कुमार यादव ने संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों से आयोजन की विस्तृत जानकारी लेने उपरांत जिला प्रशासन के विभागों की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा कि गुरुग्राम के लिए यह गौरांवित करने वाले पल होंगे कि देश की मिट्टी से जुड़े इस अभियान में गुरुग्राम एक विशेष सहयोगी की भूमिका में है। डीसी ने आयोजन की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग से यात्रियों की संख्या के अनुरूप पर्याप्त सुरक्षा बल को तैनाती के निर्देश दिए। वहीं आयोजन के दौरान सड़क पर ट्रैफिक की सुगम आवजाही के लिए भी ट्रैफिक पुलिस के संख्या बढ़ाने को कहा। डीसी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि वे आयोजन स्थल पर चिकित्सकों व अन्य स्टाफ की पर्याप्त संख्या रखे। इसके साथ साथ आपात स्थिति के लिए नागरिक अस्पताल को भी अलर्ट मोड पर रखे। आयोजन स्थल पर पानी, सफाई व अन्य व्यवस्था के लिए उन्होंने नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि गुरुग्राम जिला की देश के साथ साथ वैश्विक स्तर पर एक विशेष पहचान है। इसलिए यह जरूरी है कि देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले अमृत कलश यात्री अपने साथ गुरुग्राम की एक बेहतर छवि लेकर जाएं।
बैठक में डीएफओ राजीव तेजियान, एसडीएम बादशाहपुर सतीश यादव, नगर निगम के संयुक्त सचिव डॉ नरेश कुमार व विजय यादव, एसीपी ट्रैफिक हेडक्वार्टर सुरेश कुमार, डीएचबीवीएन से एक्सईन शालिनी पन्नू, हरियाणा टूरिज्म विभाग से हरविंद्र सिंह यादव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व आयोजन से जुड़ी एक्सिस एजेंसी के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे।