सुभाष चौधरी /The Public World
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने प्रदेश की 450 अवैध कालोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया है. यह घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेसवार्ता में की. उन्होंने कहा कि लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप सरकारी और निजी क्षेत्रों द्वारा आवास उपलब्ध नहीं कराने के कारण सरकार को जनहित में यह निर्णय लेना पड़ा है. इससे पूर्व भी मनोहर लाल सरकार ने 685 कालोनियों को नियमित किया था. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में अब तक कुल 1135 कॉलोनियों को नियमित किया गया है. नियमित की जाने वाली सभी कालोनियों में डेवलपमेंट चार्ज के रूप में संबंधित शहर के कलेक्टर रेट का 5% वसूल किया जाएगा. इन कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बजट में 500 करोड़ रुपए का विशेष प्रावधान किया गया है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में औद्योगिक एवं व्यावसायिक विस्तार के कारण वहां रहने वाले लोगों को आवश्यकता एवं उनकी आर्थिक स्थिति के अनुरूप सरकारी एजेंसी और निजी क्षेत्र आवासीय सुविधा मुहैया कराने में नाकाम रहे हैं. इसके कारण ही बड़े पैमाने पर शहरों में कंट्रोल एरिया और अर्बन लोकल बॉडी एरिया में अवैध रूप से लोगों ने आवासीय प्लॉट खरीदे और वहां मकान बनाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार ने पहले 685 कालोनियों को नियमित किया और अब 450 नई अवैध कालोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए आज नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के 10 साल के कार्यकाल में 874 अवैध कालोनियां बन चुकी थी जिसे उनके कार्यकाल में जनहित को ध्यान में रखते हुए नियमित किया गया. उन्होंने खुलासा किया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में और 1856 अवैध कालोनियां हैं जिनको नियमित करने की प्रक्रिया अभी चल रही है. उन्होंने कहा कि अगर यह कालोनिया टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट और अर्बन लोकल बॉडी के नियम और शर्तों को पूरा करेंगी तो उन्हें भी आगे नियमित किया जाएगा.
पत्रकार वार्ता में नई अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की शर्तों की जानकारी पर मुख्यमंत्री का कहना था कि इसमें कॉलोनी की एप्रोच रोड और अंदर की गलियों के मामले में छूट दी गई है. एप्रोच रोड कम से कम 6 मीटर जबकि इंटरनल रोड कम से कम 3 मीटर चौड़ी वाली कालोनियों को इस बार नियमित करने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जिनमें 150 से अधिक अवैध कालोनियां स्थापित हो गई है. इनमें फरीदाबाद में 188, हिसार में 181, कुरुक्षेत्र में 169, पलवल में 201, सोनीपत में 162 और यमुनानगर में 195 अवैध कालोनिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करती है जबकि शहरी क्षेत्रों में अर्बन लोकल बॉडी यह जिम्मेदारी निभाती है. उनका कहना था कि इन सभी 450 नियमित की जाने वाली कालोनियों को एच आर डी ए द्वारा विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन सभी कालोनियों में डेवलपमेंट चार्जेज वहां की अर्बन लोकल बॉडीज के अनुसार निर्धारित कलेक्ट्रेट रेट का 5% जमा करना होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि डेवलपमेंट चार्जेज उन कालोनियों के निवासी अपनी सुविधानुसार जमा करा सकेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट में कंट्रोल एरिया में 2 एकड़ तक की कॉलोनी को भी नियमित करने का फैसला लिया है. उनके अनुसार कुछ नियमित कॉलोनियों में भी खाली पड़े प्लॉट को भी अब नियमित घोषित कर दिया गया है. उनका कहना था कि इन खाली प्लॉट के मामले में भ्रष्टाचार होने की आशंका रहती थी जिसे अब समाप्त कर दिया गया है.
नियमित की जाने वाली कालोनियों के मामले में उनका कहना था कि प्राथमिक तौर पर आरडब्लूए के गठन की शर्त को अनिवार्य किया गया था लेकिन अब सरकार ने अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है . उन्होंने कहा कि निर्धारित नियम व शर्तों को पूरा करने वाली किसी भी अवैध कॉलोनी में रहने वाले पांच व्यक्ति मिलकर कालोनी नियमित करने का आवेदन सरकार के समक्ष रख सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने एक बेहद महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि 1 जुलाई 2022 को अनधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी. इसमें आंशिक ढील देते हुए उक्त तिथि तक अगर किसी प्लाट धारक ने सेल डीड या एग्रीमेंट टू सेल बनवा लिया था तो उस प्लॉट को बेचा हुआ माना जाएगा. बकौल मुख्यमंत्री उक्त प्लाट धारक अब अपनी रजिस्ट्री करा सकेंगे.
किस जिले की कितनी कालोनियां की गई नियमित ?
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फरीदाबाद में 59, फतेहाबाद में 16 , गुड़गांव में 03 , हिसार में 20, झज्जर में 25 , कैथल में 30 , करनाल में 2 , कुरुक्षेत्र में 25 , नूंह में 35 , पलवल में 31 , पानीपत में 22 , रेवाड़ी में 14, रोहतक में 32 , सिरसा में 9 , सोनीपत में 35 और यमुनानगर में सबसे अधिक 92 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने का ऐलान किया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरूण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के महानिदेशक टी एल सत्यप्रकाश, सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) श्री विवेक कालिया और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक डॉ यश पाल उपस्थित थे।