गुरुग्राम, 27 जुलाई। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में निर्यात को बढाने के लिए निर्यातकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। माल भाडा ढुलाई के लिए अब निर्यातकों को अधिकतम 25 लाख रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से मिलेगी। इस बाबत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा बुधवार को आवश्यक अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना का स्वागत करते हुए हरियाण एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन अनुराग बक्शी ने इस बड़ी घोषणा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विशेष आभार व्यक्त किया है। बक्शी ने कहा कि लंबे समय से निर्यातकों द्वारा उठाई जा रही इस मांग को पूरा कर मुख्यमंत्री ने प्रदेश से निर्यात को बढ़ाने के लिए एक और प्रभावी और कारगर कदम उठाया है। जिसके दूरगामी परिणाम आने वाले दिनों में निश्चित तौर पर देखने को मिलेंगे।
नई अधिसूचना की जानकारी देते हुए बक्शी ने बताया कि इसके तहत सरकार ने हरियाणा उद्यम और रोजगार 2020 नीति के तहत माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन किया है। राज्य में सभी एमएसएमई की नियार्तक ईकाइयों के लिए संशोधित माल ढुलाई योजना अधिसूचित की है। इसके अनुसार वैश्विक बाजार में एमएसएमई के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अन्य गैर वित्तिय प्रोत्साहनों सहित निर्यातक के परिसर से बंदरगाह, एयर कार्गो, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं तक परिवहन लागत की अदायगी के लिए माल ढुलाई सब्सिडी के रूप में अधिकतम 25 लाख् रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। निर्यातक इस योजना का लाभ एक जुलाई 2023 से उठा सकेंगे। बक्शी ने बताया कि फ्रेट सब्सिडी योजना को बहाल करने के साथ-साथ सरकार ने अधिकतम सहायता राशि को बढाकर 20 से 25 लाख रुपये कर दिया है। जिससे प्रदेश के हजारों निर्यातकों को लाभ मिलेगा। संशोधित सहायता का लाभ लेने के लिए निर्यातकों को तय मापदंडो का पालन करना होगा।
बक्शी ने बताया कि हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग के अंतर्गत अक्तूबर 2022 से काम कर रही हरियाणा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने भी शुरू से ही निर्यातकों की इस मांग को सरकार के सामने रखा। दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 में काउंसिल द्वारा डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीज और एमएसएमई विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के सभी 22 जिलों में चलाए गए मनोहर सरकार-निर्यातकों के द्वार कार्यक्रम में सभी जिलों से फ्रेट सब्सिडी को फिर से बहाल करने की मांग उठाई गई थी, जिसे काउंसिल ने पुरजोर पैरवी कर सरकार के समक्ष रखा और उन्हें खुशी है कि सरकार ने बहाली के साथ-साथ अधिकतम सहायता राशि को 20 से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है। जो सरकार का सराहनीय कदम है। इससे निर्यातकों की लागत घटेगी और वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में प्रतिस्पर्धा कर प्रदेश से निर्यात को बढ़ाने में सफल होंगे। बक्शी ने कहा कि जब निर्यात बढ़ता है तो उत्पाद बढ़ता है और उत्पाद बढ़ने से अधिक रोजगार सृजन होता है। जिससे लोगों की आमदनी बढ़ती है। और प्रदेश का चंहुमुखी विकास होता है।