नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजस्थान के उदयपुर जिले में दो, बांसवाड़ा में दो, प्रतापगढ़ में एक और डूंगरपुर में एक, कुल मिलाकर छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया। इन स्कूलों के निर्माण से 2880 आदिवासी छात्र लाभान्वित होंगे, जिनमें आधी लड़कियां होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक गांवों में अच्छे स्कूलों और शिक्षा की कमी के कारण गांव और गरीब पीछे रह गए। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि पिछड़े और आदिवासी समाज के बच्चों के पास अपने सपनों को पूरा करने का कोई साधन नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा के लिए बजट और संसाधन बढ़ाए और एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जिससे आदिवासी युवाओं को काफी लाभ हुआ है।
राजस्थान में कुल 31 विद्यालय स्वीकृत किये गये हैं। आज प्रधानमंत्री द्वारा 6 स्कूलों का उद्घाटन किया गया है, जो उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर में स्थित हैं। प्रत्येक स्कूल की क्षमता 480 छात्रों की है, जिनमें 240 लड़कियां होंगी। इन स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास, कर्मचारियों के लिए आवास, भोजन का स्थान और खेल का मैदान होगा। इन स्कूलों का निर्माण मैदानी क्षेत्रों में 38 करोड़ रुपये और पहाड़ी इलाकों में 48 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
ईएमआरएस, सारदा, उदयपुर
ईएमआरएस, लसाडिया, उदयपुर
ईएमआरएस, पीपलखूंट, प्रतापगढ़
एक नजर में राजस्थान के आंकड़े
योजना/शुरूआत | 2013-14 | 2022-23 |
स्वीकृत विद्यालय | 8 | 31 |
राजस्थान में 31 ईएमआरएस स्वीकृत हैं जिनमें उदयपुर में आठ, बांसवाड़ा में छह, डूंगरपुर में चार, प्रतापगढ़ में चार, अलवर में दो, जयपुर में दो टोंक में एक करौली में एक, बारा में एक, सिरोही में एक, सवाई-माधोपुर में एक शामिल हैं। (संख्या में आंकड़े स्कूलों की संख्या दर्शाते हैं) । 31 में से 24 स्कूलों में निर्माण पूरा हो चुका है और 7 स्कूल निर्माणाधीन हैं, जिनके दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है। वर्तमान में 8,925 छात्र पढ़ रहे हैं और जब सभी स्कूल पूरे हो जाएंगे तो इन स्कूलों में 14,880 छात्र शिक्षा प्राप्त करेंगे। ईएमआरएस से लाभ पाने वाली प्रमुख जनजातियों में भील, गमेती, गरासिया, मीना, सहरिया शामिल हैं। 5 करोड़ की लागत से पुराने स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत सड़क निर्माण और पेयजल के लिए भी धनराशि दी जा रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, 740 एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। ये एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल ऐसे प्रत्येक आदिवासी ब्लॉक में स्थापित किए जा रहे हैं जहां 50 प्रतिशत या 20,000 से अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी है।
ईएमआरएस के निर्माण की लागत 2021-22 में 452 नए स्कूलों के लिए मैदानी क्षेत्रों में 20 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 24 करोड़ रुपये और पहाड़ी क्षेत्रों में 38 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 48 करोड़ रुपये कर दी गई थी। अगले 3 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 38,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
- 2013-14 में 167 स्कूल स्वीकृत किये गये थे, जो आज बढ़कर 693 हो गये हैं।
- 2013-14 में, 119 स्कूल क्रियाशील थे, जबकि आज की तारीख में, 401 स्कूल क्रियाशील हैं
- पिछले 5 वर्षों में 110 स्कूलों में निर्माण पूरा हुआ
आंकड़े एक नजर में- अखिल भारतीय
योजना/शुरूआत | 2013-14 | 2023-24 |
बजट परिव्यय | 278.76 करोड़ रुपये
(संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत एक घटक के रूप में |
4000 करोड़ रुपये
(पृथक केन्द्रीय क्षेत्र योजना) |
स्वीकृत विद्यालय | 167 | 693 |
कार्यात्मक विद्यालय | 119 | 401 |
आवर्ती लागत | 42,000 रुपये प्रति छात्र प्रति वर्ष | 1,09,000 रुपये प्रति छात्र प्रति वर्ष |
पूंजी लागत | 12.00 करोड़ रुपये (मैदानी क्षेत्र)
16 करोड़ रुपये (पहाड़ी, पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद) |
37.80 करोड़ रुपये (मैदानी क्षेत्र),
48 करोड़ रुपये (पहाड़ी, पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद) |
सीबीएसई से संबद्ध स्कूल | 69 | 277 |
नामांकन | 34365 | 113275 |