चण्डीगढ़ 30 जून : चण्डीगढ़ के पूर्व सांसद सत्य पाल जैन को अपर महासालिसिटर के पद पर लगातार चौथे कार्यकाल के लिए विस्तार देते हुए केंद्र सरकार ने 30 जून 2026 तक पुनः नियुक्त कर दिया है। उनकी इस पद पर पुनः नियुक्ति को भारत सरकार के राज पत्र (असाधारण गजट) में भी प्रकाशित कर दिया गया है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मन्त्रीमंडल ने दिसम्बर 2014 में चंडीगढ़ में पहली बार यह पद नये सिरे से सृजित किया था। इस नये पद पर श्री जैन की नियुक्ति 9 अप्रैल 2015 को 3 वर्ष के लिए की गई थी। श्री जैन की सेवायें भारत सरकार के लॉ ऑफिसर्स, जिसमें भारत के अटारनी जरनल, महासालिसिटर तथा अपर महासालिसिटर आते हैं, के अन्तर्गत बने हुये कानूनों के तहत होती है।
भारत के अपर महासालिसिटर के तौर पर, श्री जैन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भारत सरकार के सभी मुकदमों के लिए लिटिगेशन इंचार्ज हैं। उच्च न्यायालय में लगभग 130 वकीलों का भारत सरकार का पैनल, जिनमें डिप्टी एस. जी., सीनियर पैनल काउंसल व् सेंट्रल गवर्नमेंट काउंसिल शामिल हैं, श्री जैन के अधीन काम करता है तथा श्री जैन इन वकीलों को भारत सरकार के मुकदमें आवंटित करते हैं व् इनमें बराबर वितरण को सुनिश्चित करते हैं। पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ के जिला स्तर एवं उनके अधीन आने वाली अदालतों के लिए भी वह भारत सरकार के मुकदमों के इंचार्ज हैं।
श्री जैन एक जाने-माने संविधान विशेषज्ञ वकील हैं तथा विभिन्न हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में पार्टी के कई महत्वपूर्ण केसों में पार्टी की पैरवी कर चुके हैं। वे लगभग 10 वर्ष तक पार्टी के कानूनी प्रकोष्ट के प्रभारी एवं संयोजक रह चुके हैं। वे विभिन्न अदालतों में पार्टी का प्रतिनिधित्त्व कर चुके हैं। वे लिब्राहन आयोग में लगभग 12 वर्ष तक पार्टी का पक्ष रखते रहे। वे अब तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व उप-राष्ट्रपति वैंकया नायडू, लाल कृष्ण आडवाणी, स्वर्गीय सुषमा स्वराज, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल सहित पार्टी के कई वरिष्ट नेताओं की विभिन्न अदालतों में पैरवी कर चुके हैं।
श्री जैन राष्ट्रपति चुनाव में पी. ए. संगमा तथा भैंरो सिंह शेखावत एवं उपराष्ट्रपति चुनाव में नजमा हेपतुल्ला के चुनाव एजेन्ट भी रह चुके हैं।
श्री जैन अपने कालेज के दिनों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे़ हैं। श्री जैन 1996 एवं 1998 में दो बार चण्डीगढ़ से लोकसभा का चुनाव भी जीत चुके हैं। इससे पहले श्री जैन ने 1976, 1980, 1984 तथा 1988 में लगातार चार बार ग्रैजुऐटस निर्वाचन-क्षेत्र से पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट के सदस्य चुने गये तथा उसके बाद भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा उन्हे 1996, 2000, 2004, 2008, 2012, 2016 तथा 2020 में इसी सीनेट का सदस्य भी नामजद किया गया था।