केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल दूसरी टीआईडब्ल्यूजी बैठक का उद्घाटन करेंगी
बेंगलूरू : भारत की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत दूसरी टीआईडब्ल्यूजी बैठक 23 से 25 मई, 2023 तक बेंगलूरू में आयोजित की जा रही है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल 24 मई, 2023 को बैठक का उद्घाटन करेंगी। इस तीन दिवसीय बैठक के दौरान जी-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों, क्षेत्रीय समूहों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के एक सौ से अधिक प्रतिनिधि बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में सुधार, वैश्विक व्यापार में एमएसएमई को एकीकृत करने, लचीला जीवीसी, विकास और समृद्धि के लिए व्यापार करने और व्यापार के लिए कुशल लॉजिस्टिक पर विचार-विमर्श करेंगे।
टीआईडब्ल्यूजी के पहले दिन 23 मई को व्यापार और प्रौद्योगिकी पर एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। व्यापार को नया आकार देने वाली प्रौद्योगिकी तथा समावेशी विकास को आगे बढाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका जैसे विषयों पर दो पैनल चर्चाओं में विचार-विमर्श किया जाएगा। इन चर्चाओं में डोमने विशेषज्ञ, शिक्षाविद् तथा व्यवसायी शामिल होंगे। सेमिनार के बाद जी-20 प्रतिनिधियों के लिए शहर घूमाने के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रि भोज का आयोजन भी किया जाएगा।
विश्व व्यापार संगठन सुधार का विषय, जो जी-20 के अध्यक्ष भारत द्वारा लक्षित प्राथमिकताओं में से एक है, 24 मई, 2023 को तकनीकी सत्र में चर्चा के लिए लिया जाएगा। इन विचार-विमर्शों का बल डब्लयूटीओ के मूलभूत सिद्धांतों की पुष्टि करने पर होगा, जैसा कि मराक्कश समझौते और इसके बहुपक्षीय व्यापार समझौतों में निहित है, इस प्रकार डब्ल्यूटीओ के खुले समावेशी और पारदर्शी कामकाज की आवश्यकता को मान्यता देता है। नॉलेज पार्टनर द्वारा इस विषय पर एक प्रस्तुति भी दी जाएगी।
दूसरे और तीसरे दिन कागजी दस्तावेजों के डिजिटलीकरण से संबंधित देयों पर प्रस्तुतियां दी जाएगी। इनमें सीमापार व्यापार के लिए महत्वपूर्ण बिल ऑफ लैंडिंग तथा सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजन और एमएसएमई के लिए मेटा इंफॉरमेशन पोर्टल बनाने के लिए कार्य योजना विकसित करने, जीवीसी के मानचित्रण के लिए ढांचा, पारस्परिक मान्यता समझौता (एमआरए) पर श्रेष्ठ व्यवहारों का एक संग्रह तथा जी-20 नियामक संवाद शामिल हैं। ये परिणाम 28 से 30 मार्च, 2023 तक मुंबई में आयोजित पहली टीआईडब्लयूजी बैठक के दौरान हुए विचार-विमर्श से सामने आए हैं।
भारत की जी-20 की अध्यक्षता में इसका उद्देश्य वैश्विक व्यापार तथा निवेश में तेजी लाने और विकास को समावेशी और पारदर्शी बनाने के लिए वर्तमान अवसरों का लाभ उठाने में आने वाली चुनौतियों की साझा समझदारी बनाना है। इस प्रकार वैश्विक तालमेल का निर्माण करना जो विश्व को एक लचीला और स्थायी एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए समाधान खोजने की दिशा में ले जाता है।