गुरुग्राम। गुरुग्राम पुलिस की टीम ने साईबर अपराधों की पहचान, अपराध व अपराधियों की पहचान उनसे बचाव/निवारण के उदेश्य से पैदल गस्त/ पेट्रोलिंग करते हुए विभिन्न स्थानों पर जाकर लोगों को जागरूक किया ।
गुरुग्राम पुलिस के पी आर ओ सुभाष बोकन ने बताया कि सिद्धान्त जैन पुलिस उपायुक्त दक्षिण, गुरुग्राम के निर्देशानुसार आज 02 मई को प्रियांशु दीवान, सहायक पुलिस आयुक्त साईबर अपराध, संजीव बल्हारा, सहायक पुलिस आयुक्त सदर व नवीन संधू, सहायक पुलिस सोहना, गुरुग्राम की देखरेख में पुलिस जोन दक्षिण, मानेसर, पूर्व व पश्चिम स्थित साईबर अपराध थानों की पुलिस टीमों व पुलिस जोन दक्षिण के सभी थाना प्रबन्धकों ने अपनी पुलिस टीमों के साथ थाना क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर पैदल गस्त किया। पुलिस अधिकारियों ने लोगों को साईबर अपराधों सहित विभिन्न अपराधों/अपराधियों की पहचान, उनसे बचाव व निवारण के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस दौरान पुलिस की सभी टीमों द्वारा लोगों को पम्पलेट्स देते हुए बताया कि गूगल पर किसी भी बैंक का कस्टमर केयर नंबर सर्च करके उससे सहायता के लिए कॉल ना करे, क्योंकि गूगल पर सर्च किया गया नम्बर साईबर ठग का हो सकता है, जिससे आप साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं। किसी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक की निजी जानकारी (क्रेडिट/डेबिट कार्ड डिटेल व ओटीपी इत्यादि) सांझा न करें, मोबाईल फोन पर (लोन ऑफर, कैशबैक ऑफर, बिजली बिल कम करने के लिए, लॉटरी के लिए व अन्य किसी भी लुभावने व मुनाफा देने का प्रलोभन) प्राप्त किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें तथा किसी भी अनजान व्यक्ति के द्वारा कहने पर किसी भी प्रकार की एप्लीकेशन/ऐप जैसे एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट व सिक्योरिटी रीजन से हार्मफुल एप्लिकेशन को डाऊनलोड/इंस्टाल ना करें, क्योकि साईबर ठग विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर या आपके मोबाईल फोन का एप्लिकेशन व लिंक के माध्यम से रिमोट एक्सेस लेकर अपना शिकार बनाते है।
पुलिस अधिकारियों ने लोगो को साईबर ठगों द्वारा ठगी के लिए प्रयोग किए जाने वाले तरीकों, साईबर ठगी ले प्रकार, साईबर ठगों की पहचान व साईबर अपराधों के माध्यम इत्यादि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए पुलिस टीम द्वारा यह भी बताया गया कि जो लोगों साईबर ठगी का शिकार हो जाते है वो बिना देर किए तुरंत अपनी शिकायत साईबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके दर्ज कराने तथा अपने संबंधित साइबर अपराध थाना में शिकायत दे। साईबर अपराधों की जानकारी व जागरूकता ही साईबर ठगों का शिकार होने से बचा सकती है।
पुलिस टीमों द्वारा पैदल गस्त/पेट्रोलिंग के माध्यम से लोगों के बीच जाकर उनके आसपास होने वाले अपराधों प्रकार, उनके कारण व अपराधियों द्वारा अपराध करने के लिए प्रयोग किये जाने वाले तरीको के बारे में बताने हुए उन अपराधों से बचने व उनके निवारण के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देकर जागरूक किया गया तथा किसी भी प्रकार की अपराध/अपराधी/संदिग्ध व्यक्ति/वस्तु की सूचना तुरन्त पुलिस को देने के बारे में भी बताया गया।