सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र वायनाड में संसदीय उपचुनाव कराने पर सस्पेंस बरकरार रखा। उन्होंने कहा कि वहां चुनाव कराने की जल्दी नहीं है क्योंकि उनके पास पर्याप्त समय है।
यह खुलासा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज कर्नाटक चुनाव की घोषणा के लिए आयोजित की गई प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में किया। हालांकि उनसे यह सवाल पहले ही पूछा गया था लेकिन उन्होंने इसका जवाब पत्रकार वार्ता के सबसे अंतिम क्षण में देने की बात की। चुनाव आयुक्त से पूछा गया था कि वायनाड संसदीय क्षेत्र खाली हो गया है क्योंकि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में आए निर्णय के बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी है ऐसे में वहां चुनाव कब कराया जाएगा ?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग वायनाड में संसदीय उपचुनाव कराने के लिए जल्दीबाजी में नहीं है. उन्होंने तर्क दिया कि लोकसभा सचिवालय की ओर से निर्वाचन आयोग को उक्त सीट खाली होने के संबंध में जानकारी दी गई है. उनका कहना था कि इस मामले को लेकर अदालत ने संबंधित पूर्व सांसद यानी राहुल गांधी को कानूनी प्रक्रिया अपनाने के लिए 30 दिन का समय दिया है और सजा को निलंबित रखा है।
चुनाव आयोग ने कहा कि हम 30 दिन के अंतराल का इंतजार करेंगे और यह भी देखेंगे कि अदालत का क्या रुख इस मामले पर रहता है. निर्वाचन आयोग उसके बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लेगा।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि किसी भी संसदीय चित्र में उपचुनाव कराने के लिए अधिकतम 6 माह की समय सीमा निर्धारित है. उन्होंने आश्वस्त किया कि उक्त समय सीमा का ख़याल रखा जाएगा . साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि उपचुनाव जिस सीट पर कराया जाएगा उस सीट के खाली रहने की समय सीमा 1 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह साफ कर दिया कि वायनाड संसदीय क्षेत्र के मामले में सदस्यता रद्द होने के बाद से यानी 23 मई 2023 से उक्त सीटें खाली रहने की अवधि 1 साल से अधिक है. इसलिए वहां चुनाव कराया जा सकता है। लेकिन इस मामले में अदालत के रुख के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।