-दोनों संस्थान एक-दूसरे के विद्यार्थियों, शिक्षकों का करेंगे सर्वांगीण विकास
-एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दोनों के विद्यार्थी, शिक्षक करेंगे व कराएंगे पढ़ाई
-दोनों संस्थानों के लिए बेहतर साबित होगा स्टूडेंट एंड फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम
भिवानी। शहरी और ग्रामीण अंचल की छात्राओं की पहली पसंद आदर्श महिला महाविद्यालय, भिवानी अब अपनी छात्राओं और शिक्षकों को शिक्षा व शैक्षिक गतिविधियों में और बेहतरीन से निपुण बनाने की दिशा में आगे बढ़ा है। इसके तहत महाविद्यालय का ऋषिहुड यूनिवर्सिटी, सोनीपत के साथ स्टूडेंट एंड फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत करार हुआ है। इस करार पर महाविद्यालय की प्राचार्या रचना अरोड़ा व कुलपति शोभित माथुर ने हस्ताक्षर करते हुए एक-दूसरे संस्थान की भरपूर मदद का भरोसा दिलाया।
एम.ओ.यू. साइन कार्यक्रम में प्राचार्या रचना अरोड़ा के साथ वाणिज्य विभाग से डाॅ. अमिता गाबा, विज्ञान विभाग से डा. निशा शर्मा, कला विभाग से डा. सुमन जांगड़ा भी मौजूद रहीं। आदर्श महिला महाविद्यालय की प्राचार्या रचना अरोड़ा ने कहा कि ऋषिहुड यूनिवर्सिटी के साथ समझौता करके उन्हें बेहद खुशी हुई है। छात्राओं और अपने स्टाफ के हित में जो भी कदम उठाए जा सकते हैं, महाविद्यालय परिवार इसके लिए सदा अग्रणी रहता है। उन्होंने कहा कि हम छात्राओं की गुणवत्तापरक शिक्षा पर ध्यान तो देते ही हैं, साथ ही फैकल्टी को अपडेट रखने के लिए समय≤ पर ऐसे कार्यक्रम भी करते रहते हैं, जिससे कि उनका ज्ञान और अधिक बढ़े। क्योंकि एक व्यक्ति जीवनभर सीखता है। व्यक्ति जब शिक्षक हो तो उसका सीखना और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। प्राचार्या रचना अरोड़ा ने यह भी कहा कि आदर्श महिला महाविद्यालय ने सदा ही एक आदर्श स्थापित किया है।
ग्रामीण अंचल की बेटियों को उच्च शिक्षा का यह महत्वपूर्ण केंद्र है। भिवानी के 100 किलोमीटर दायरे से यहां छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आती हैं। महाविद्यालय का सुंदर परिसर, अनुभवी शिक्षक और पढ़ाई का बेहतर वातावरण यहां शैक्षणिक माहौल को और बेहतर बनाता है। साथ ही यहां आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित छात्रावास भी महाविद्यालय का गौरव बढ़ा रहा है।
ऋषिहुड यूनिवर्सिटी के कुलपति शोभित माथुर ने भी इस करार को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जब दो शिक्षण संस्थान मिलकर ऐसे प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हैं, तो निःसंदेश उन संस्थानों के विद्यार्थियों और शिक्षकों का विकास होता है। उनका विश्वविद्यालय न केवल विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर पर विकास करता है, बल्कि उन्हें दूसरी संस्कृति और संस्कारों से भी जोड़ता है। युवा पीढ़ी को संस्कारित करना किसी भी शिक्षण संस्थान का उद्देश्य होना चाहिए। उस पर यह विश्वविद्यालय खरा उतरता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने परिसर से बाहर निकलकर दूसरे परिसर में जाकर पढने और पढ़ाने के लिए सकारात्मक रहना चाहिए। एक्सचेंज प्रोग्राम में भाग लेना व उससे सीखना तभी संभव हो सकता है, जब हम अपनी संस्कृति के साथ दूसरी संस्कृति में बिना किसी झिझक और सहज भाव से घुल-मिल सकें। अनुशासन विद्यार्थी और शिक्षक दोनों के लिए जरूरी है। सीखने की सबसे पहली सीढ़ी अनुशासन ही है। जहां इसकी कमी होगी, वहां पर सीखने की गुंजाइश भी कम होगी। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय कैंपस में आदर्श महिला महाविद्यालय के स्टूडेंट्स और फैकल्टी का स्वागत है।