स्वर्गीय भगीरथमल बुवानीवाला का कर्मपथ पद से ऊपर : शिवरत्न गुप्ता

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—-30 वर्षों पहले छोड़ी गई छाप आज भी मानसिक पटल पर अंकित : अशोक बुवानीवाला


—-स्वर्गीय भगीरथमल बुवानीवाला की 30वीं पुण्य तिथि पर स्मृति सभा में गणमान्य व्यक्तियों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

भिवानी, 5 मार्च। भिवानी केसरी स्वर्गीय भगीरथमल बुवानीवाला की 30वीं पुण्य तिथि पर शहर के प्रबुद्धजन व्यक्तियों ने जात-पात से ऊपर उठकर उनसे जुड़े अपने अविस्मरणीय अनुभवों को सांझा करते हुए आदर्श महिला महाविद्यालय में स्मृति सभा में श्रद्धासुमन अर्पित किए। स्मृति सभा का आयोजन महासचिव अशोक बुवानीवाला के नेतृत्व में किया गया। जिसकी अध्यक्षता वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष शिव रत्न गुप्ता ने की। सभा में अशोक बुवानी वाला ने श्रद्धासुमन अर्पित करने आए गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा 30 वर्षों पहले छोड़ी गई छाप आज भी उनके मानसिक पटल पर अंकित है। उन्होंने सामाजिक उत्थान के प्रत्येक क्षेत्र में अतुलनीय कार्य किए। सालों पहले सोशल मीडिया के अभाव में भी देश के प्रत्येक कोने से उनका जुड़ाव रहा। वह बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे।

शिवरत्न गुप्ता ने उनका कर्मपथ, पद से ऊपर बताते हुए कहा कि आपके कर्मों के ऊँचाई की सीमा का कोई अंत नहीं है। भिवानीवासी हमेशा उनके सामाजिक कार्यों के ऋणी रहेंगें। वह महिला शिक्षा के प्रबल समर्थक रहें। उनकी देन आदर्श महिला महाविद्यालय आज अनेको-अनेक छात्राओं को शिक्षा रूपी फूल से फलीभूत कर रहा है। जिसकी सुगंध राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर फैल रही है। इस अवसर पर ठाकुरलाल सिंह ने उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को याद किया और कहा कि उन्होंने आजादी के आंदोलनों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वह शिक्षा रूपी गंगा को छोटी काशी में बहाकर लाए।

नगर पालिका के पूर्व चैयरमैन बुवानीखेड़ा सुंदर अत्री ने सामाजिक कुप्रथाओं के दुष्चक्र से भिवानी को ऊपर उठाने में उनके द्वारा दिए गए अविस्मरणीय सहयोग को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

आदर्श ब्राह्मण सभा प्रधान प्रेम धनानिया ने कहा कि वह समाज में एक विपरीत धारा बहाकर लाए जहां महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाता था, वहां इन्होंने महिला शिक्षा का बीड़ा उठाया।

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व्यापारी नेता प्रेम धमीजा ने कहा कि इन्होंने दुकानों के रूप में हमें रोजगार दिया। इन्होंने व्यवसायिक क्षेत्र में भी अपना अद्वितीय योगदान दिया। पवन बुवानीवाला जी ने शहर से आए सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया और साथ बिताए संस्मरणों को याद कर श्रद्धाजंलि अर्पित की।

प्राचार्या रचना अरोड़ा ने उन्हें प्रसिद्ध समाज सेवी, कर्मयोगी एवं इतिहासकार बताते हुए कहा कि आज उन्हीं की देन महाविद्यालय रूपी एक छोटा पौधा एक वट वृक्ष बनकर दिन-रात उन्नति कर रहा है। महाविद्यालय की उन्नति ही उन्हें एक सच्ची श्रद्धांजलि है। जिसके लिए महाविद्यालय का समस्त परिवार पूरी लग्न से कार्यरत है।

स्मृति सभा में शकुंतला देवी बुवानीवाला, राधेश्याम बुवानीवाला, सुशील बुवानीवाला, पवन बुवानीवाला व समस्त बुवानीवाला परिवार सहित शहर से रामदेव तायल, सुनिल शास्त्री, एडवोकेट अरूण जैन, विजय कृष्ण अग्रवाल, नंद किशोर अग्रवाल प्रबंधकारिणी परिवार से कोषाध्यक्ष प्रीतम अग्रवाल, उपाध्यक्ष कमलेश चैधरी, हरिश हलवासिया, वैश्य मॉडल व वैश्य सीनियर विद्यालय एवं महाविद्यालय का समस्त शिक्षक व गैर-शिक्षक वर्ग उपस्थित रहा। इस अवसर पर संगीत विभाग से रचना कौशिक, मनिषा और प्रमुख संगीतज्ञ रामअवतार कोशिक ने अपनी टीम के साथ भजन की प्रस्तुतियां दी। जिससे सभागार संगीतमय हो गया। स्मृति सभा में मंच का संचालन डॉ0 रिकु अग्रवाल द्वारा किया गया।

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