नई दिल्ली : भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने संस्थानों में ‘बीआईएस मानकीकरण चेयर प्रोफेसर’ की स्थापना के लिए आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी गांधीनगर और एनआईटी कालीकट के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन मानकों के निर्माण में शिक्षाविदों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और भारतीय मानकों को शिक्षण में पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग बनाने के उद्देश्य से देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ अपने जुड़ाव को संस्थागत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
बीआईएस मानकीकरण चेयर को देश में मानकीकरण तथा अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास, शिक्षण व प्रशिक्षण के लिए लाया गया है। इसमें सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, केमिकल, भूकंप इंजीनियरिंग, जल संसाधनों के विकास और प्रबंधन तथा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, अवसंरचना विकास, चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी तथा नैनो प्रौद्योगिकी, जैव सामग्री आदि क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह विज्ञान तथा विभिन्न विषयों के क्षेत्र में शिक्षण और अनुसंधान एवं विकास में उत्कृष्टता व नेतृत्व को बढ़ावा देगा।
इस अवसर पर, भारतीय मानक ब्यूरो के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और बीआईएस के बीच हुआ समझौता ज्ञापन अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की सुविधा उपलब्ध कराएगा। यह मानकीकरण प्रक्रिया के क्षेत्र में युवा मस्तिष्क की भागीदारी को प्रोत्साहित करके मानक निरूपण गतिविधियों को प्रबल करेगा और बढ़ावा देगा। इसके मध्यम से सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशाला संगोष्ठी या व्याख्यान, प्रशिक्षण तथा अल्पकालिक शिक्षा कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित किये जाएंगे।
प्रमोद कुमार तिवारी ने नए मानकों के निर्माण और मौजूदा के अनुपालन में शैक्षणिक संस्थानों में स्टार्ट-अप तथा इंक्यूबेशन केंद्रों के साथ जुड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार और मानकों के विकास को एक साथ जोड़ा जाएगा।
आईआईटी गुवाहाटी के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर परमेश्वर के अय्यर; आईआईटी गांधीनगर में निदेशक प्रोफेसर रजत मूना; एनआईटी कालीकट के निदेशक प्रो प्रसाद कृष्ण (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े). उन्होंने इस पहल के प्रति वचनबद्धता का आश्वासन दिया और बीआईएस के साथ सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।