नई दिल्ली : उत्तराखंड राज्य के जोशीमठ को आज सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय में रविवार को जोशीमठ घटना पर उच्चस्तरीय बैठक की गई थी । केंद्र सरकार ने तुरंत लोगों को शिफ्ट करने का एक्शन प्लान तैयार किया है ।
खबर है कि केंद्र सरकार की 2 एक्सपर्ट टीमें आज हालात का जायजा लेने के लिए जोशीमठ पहुंची । इनमें जलशक्ति मंत्रालय की टीम भी शामिल है।
सूचना है कि यहां 603 घरों में दरारें आई हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार यहाँ घरों , होटलों, दुकानों , सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थलों में बड़ी बड़ी दरारें आ गईं हैं. लोग पूरी रात घरों से बाहर अलाव जला कर गुजार रहे हैं . होटलों के भवन एक दूसरे पर झुके हुए हैं. यह स्थिति काफी समय से है लेकिन न तो एन टी पी सी ने और न ही राज्य सरकार ने इस पर ध्यान दिया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति एन टी पी सी के टनेल और विस्फोट का कारण पैदा हुई है. ज्यादातर लोग डर के चलते घर के बाहर चले गए हैं । किरायेदार भी लैंड स्लाइड के डर से घर छोड़कर भाग गए हैं। अभी तक 70 परिवारों को रिलीफ कैम्प में पहुँचाया गया है। प्रशासन ने उक्त इलाके के लोगों से रिलीफ कैंप में स्थानांतरित होने की अपील की है.
दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट में जोशीमठ से जुड़ी एक याचिका दायर की गई है लेकिन बेंच ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका का स्टेटस पता करें। सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका को मंगलवार के दिन लिस्टिंग करने को कहा है। स्वमी 22 जनवरी से एक यज्ञ भी करने वाले हैं