-गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम की टीम ने वर्ष 2022 में साइबर ठगी के शिकार गुरुग्रामवासियों को लौटाई कुल 4.50 करोड़ रुपये की धनराशि
-वर्ष 2022 में साइबर क्राइम पुलिस को मिली ऑनलाइन धोखाधड़ी की 20 हजार से अधिक शिकायतें
गुरुग्राम, 02 जनवरी। मिलेनियम सिटी में साइबर क्राइम के तहत ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए लोगों को राहत देने के उद्देश्य से जिला की सभी साइबर सेल यूनिट पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रही हैं। गुरुग्राम की पुलिस आयुक्त श्रीमती कला रामचंद्रन ने बताया कि गुरुग्राम साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने साइबर ठगों पर कार्रवाई करते हुए गत वर्ष साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों के बैंक खाते में 4.50 करोड़ रुपये की धनराशि वापस लौटाई है। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम के चारों जोन के पुलिस थानों में उपरोक्त अवधि में कुल 20 हजार 415 मामले सामने आए हैं। जिसमें से 9 हजार 459 शिकायत गृह मंत्रालय के द्वारा तैयार किए गए पोर्टल एमएचए से प्राप्त हुई है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि साइबर क्राइम गुरुग्राम के थानों की सभी टीमों ने प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए साइबर ठगों से शिकायतकर्ताओं के खातों में कुल 4.50 करोड़ रुपये की धनराशि वापस करवा कर सराहनीय काम किया है। इस राशि में साइबर क्राइम थाना गुरुग्राम सेक्टर 43 की टीम द्वारा 3.50 करोड़ रुपये, साइबर क्राइम मानेसर की टीम ने 30 लाख रुपए, साइबर क्राइम साउथ ने 35 लाख और साइबर क्राइम वेस्ट की टीम द्वारा लौटाई गई 35 लाख रुपये की धनराशि शामिल है। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में पहले हरियाणा का एकमात्र साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन था। बाद में बढ़ते हुए साइबर क्राइम को देखते हुए गुरुग्राम जिला में जोन वार तीन अन्य साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गई थी। जिसमें साइबर क्राइम साउथ सेक्टर 65, साइबर क्राइम वेस्ट पालम विहार और साइबर क्राइम मानेसर शामिल है। यह सभी थाने एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के देखरेख में कार्य कर रहे हैं।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि वर्तमान में साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। पहले एटीएम नंबर व पिन जानकर पैसा उड़ा लेते हैं। अब खाता बंद होने, एलआइसी पॉलिसी का पैसा दिलाने व अन्य माध्यमों से झांसे में लेकर लोगों को ठग रहे हैं। इसी क्रम में आपकी किसी समस्या पर आपके मोबाइल में ठग अपना एप डाउनलोड करवाते हैं ऐसा करने पर आपके मोबाइल का एक्सेस उनके पास या डाटा ट्रांसफर हो जाता है। इसके बाद ठग पल भर में आपका एकाउंट खाली कर देते हैं। यदि आप सतर्कता बरतते हुए समय से पुलिस को मामले की जानकारी देते हैं तो पैसेे वापसी की उम्मीद रहती है। उन्होंने बताया कि
साइबर क्राइम की सभी टीमें अपने क्षेत्र में अलग-अलग जगह जाकर समय-समय पर लोगों को जागरूक भी कर रही है तथा किसी को भी अपने एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, और सीवीवी की जानकारी साझां न करने के बारे जागरूक कर रही है।
पुलिस आयुक्त ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि सभी नागरिक साइबर क्राइम के प्रति सचेत रहे व किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें या अपने क्षेत्र के साइबर क्राइम थाना में जाकर शिकायत दर्ज कराएं।