गुरुग्राम, 30 दिसंबर । हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा), गुरुग्राम द्वारा वर्ष 2018, 2019 और 2020 बैच के भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय रेलवे लेखा सेवा और भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के लिए अयोजित विशेष फाउंडेशन कोर्स का आज समापन हुआ। इस समापन अवसर पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक जी.सी. मुर्मू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
हिपा द्वारा लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी की ओर से 19 सितंबर, 2022 से 30 दिसंबर, 2022 तक पंद्रह सप्ताह तक इस प्रतिष्ठित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह में अधिकारी प्रशिक्षुओं की सीख और अनुभवों को सांझा किया गया। विशेष फाउंडेशन कोर्स के सफल समापन पर प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया गया और मेधावी अधिकारियों को शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक डोमेन में उनके अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए पदक से सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में श्री जी.सी.मुर्मू ने कहा कि फाउंडेशन कोर्स एक सिविल सेवा के अधिकारियों के जीवन में सबसे यादगार समय में से एक होता है क्योंकि इस दौरान उनका अन्य अधिकारियों से संपर्क होता हैं और एक बंधन विकसित होता है जो इंटर-काडर टीम वर्क के रूप में कार्य करने में सहायक सिद्ध होता है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षुओं को देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक वातावरण की बारीकियों से जानकारी प्रदान करने का उद्देश्य पूरा हुआ है।
उन्होंने प्रशिक्षुओं की प्रतिक्रिया की सराहना की, जो दर्शाता है कि एसएफसी उन्हें जीवन भर के लिए इंटर-काडर मित्रता प्रदान करने और देश के कामकाज के सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण और आर्थिक पहलुओं की सूक्ष्म समझ प्रदान करने में सक्षम रहा है। उन्होंने हिपा को इस पाठ्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन और कई नवीन शिक्षाशास्त्र पहल शुरू करने के लिए बधाई दी। उन्होंने सभी अधिकारियों को राष्ट्र की सेवा में एक सफल पेशेवर के रूप में कार्य करने की कामना की।
इससे पहले, मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए हिपा की महानिदेशक श्रीमती सुरीना राजन ने एसएफसी के प्रमुख उद्देश्यों और परिणामों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. के.एल. प्रसाद, पाठ्यक्रम निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में एसएफसी के प्रमुख घटकों को प्रदर्शित किया, जो शैक्षणिक डोमेन ज्ञान के अलावा विभिन्न सेवाओं और विभिन्न पृष्ठभूमि के मध्य एस्प्रिट डे कोर की भावना पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
हिमाचल प्रदेश में हम्प्टा पास की कठिन यात्रा ने ग्रुप के विविध व्यक्तियों के बीच संबंध विकसित करने में मदद की। उत्तर-पूर्व और राजस्थान के 5 जिलों के गाँवों में रहने के अवसर ने प्रशिक्षुओं को आम जन की तरह जीवन जीने का अवसर प्रदान किया। अधिकारी प्रशिक्षुओं ने व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, लिंगानुपात और पंचायती राज संस्थानों का अध्ययन किया। डेटा एनालिटिक्स, सबका-साथ-सबका-विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत तथा इसके पड़ोसी देशों जैसे मॉड्यूल ने उन्हें जमीनी स्तर पर नागरिकों के मुद्दों और राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व के समक्ष विकल्पों और दुविधाओं को समझने में मदद की।
प्रशिक्षण के दौरान अधिकारी प्रशिक्षुओं को जीवन भर का अनुभव प्रदान हुआ जब उन्हें राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के साथ बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं को अपने हिपा प्रशिक्षण अनुभवों को राष्ट्रपति के साथ साझा करने का अवसर मिला।
इस विशेष फाउंडेशन कोर्स के बारे में प्रशिक्षुओं ने बताया कि भारतीय रेलवे वित्तीय प्रबंधन संस्थान में औचित्य, प्रवीणता और उत्पादकता के आदर्शों को अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीति के माध्यम से और मजबूत किया गया है। ‘स्वयं से पहले सेवा’ का आईपीओएस आदर्श वाक्य आईपीएस और आईआरएएस अधिकारियों द्वारा भी आत्मसात किया गया। सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस अधिकारी मूल्यों के महत्व: सत्य, सेवा और सुरक्षा को सीखते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत व उसके पड़ोसी देशों पर विदेश सेवा संस्थान में आयोजित मॉड्यूल ने सभी को अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को और अधिक विस्तार से समझने में मदद की।
भारत में 14000 पुलिस स्टेशन हैं, रेलवे ट्रैक का 67000 किलोमीटर लंबा नेटवर्क है और 1.6 लाख डाकघर हैं, जो आम आदमी को अंतिम छोर तक सेवा प्रदान करने के सरकार के प्रयास का प्रतीक है।