नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली में श्री गुरु नानक देव जी की 553वीं जयंती में शामिल हुए . इस अवसर पर उन्होंने सिख धर्म के प्रथम गुरु, संत परंपरा के अद्वितीय प्रतीक गुरु नानक देव जी के प्रकाश गुरपुरब की शुभकामनाएं दी. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा प्रयास सिख परंपराओं और सिख विरासत को सशक्त करते रहने का रहा है। 26 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की शुरुआत भी देश ने की है। हर प्रकाश पर्व का प्रकाश, देश के लिए प्रेरणा पुंज का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे लगातार इन अलौकिक आयोजनों का हिस्सा बनने का, सेवा में सहभागी होने का अवसर मिलता रहा है।
उन्होंने कहा कि विभाजन में हमारे पंजाब और देश के लोगों ने जो बलिदान दिया, उसकी स्मृति में देश ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति’ दिवस की शुरुआत भी की है। विभाजन के शिकार हिंदू-सिख परिवारों के लिए हमने CAA कानून बनाकर उन्हें नागरिकता देने का भी एक मार्ग बनाने का प्रयास किया है।देश को अपने गुरुओं का जो आशीर्वाद मिला, वो नए भारत के निर्माण की ऊर्जा बढ़ा रही है।
उनका कहना था कि आज जब हम गुरु नानक देव जी का 553वां प्रकाश पर्व मना रहे हैं, तो ये भी देख रहे हैं कि इन वर्षों में गुरु आशीर्वाद से देश ने कितनी ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। कुछ समय पहले अफगानिस्तान में किस तरह हालात बिगड़े थे। वहां हिंदू-सिख परिवारों को वापस लाने के लिए हमने अभियान चलाया। गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भी हम सुरक्षित लेकर आए।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में देश, समता, समरसता, सामाजिक न्याय और एकता के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र पर चल रहा है। जो मार्गदर्शन देश को गुरुवाणी से मिला था, वो आज हमारे लिए परंपरा भी है, आस्था भी है और विकसित भारत का विजन भी है। हमें गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व को मनाने का सौभाग्य मिला। हमें गुरु तेग बहादुर जी के 400वां प्रकाश पर्व मनाने का सौभाग्य मिला। तीन वर्ष पहले हमने गुरु नाक देव जी का 550वां प्रकाश उत्सव भी पूरे उल्लास से देश और विदेश में मनाया है।