सामाजिक समरसता व सर्वकल्याण के लिए सामाजिक क्रान्ति के प्रति जागरूक हों : डा० कुन्दन लाल पटेल

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गुरुग्राम। आदिकवि महर्षि बाल्मिकी के प्रकाट्य दिवस के उपलक्ष्य में सामाजिक समरसता मंच एवं अशोक सिंघल वेद विज्ञान रिसर्च एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गुरूग्राम के संयुक्त तत्वावधान में “वर्ण व्यवस्था का वास्तविक स्वरूप एवं इसकी समसामयिक प्रासंगिकता” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें प्रसिद्ध शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता व प्रबुद्ध नागरिकों ने हिस्सा लिया ।

इस संगोष्ठी का आयोजन कोरोना पीड़ितों की सेवा करते हुए दिवंगत हुए कार्यकर्ताओं दीपक गर्ग एवं हरजीत सिंह की स्मृति में किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत में दीपक गर्ग एवं हरजीत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई तथा उनकी आत्मा की शान्ति के लिए मौन प्रार्थना की गई ।

गत रविवार अशोक सिंघल वेद विज्ञान रिसर्च एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गुरूग्राम में आयोजित इस कार्यक्रम में अपने अभिभाषण में प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक एवं सलाहकार, डॉ कुन्दन लाल पटेल ने विषय की महत्ता बताते हुए महर्षि के समय मौजूद सामाजिक समरसता को याद करते हुए भारतीय जनमानस के सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक जागरण में तथा सामाजिक समरसता तथा सर्व कल्याण के उद्देश्य के लिए सामाजिक क्रान्ति के प्रति जागरूक होने और योगदान करने की अपील की ।

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साहित्यकार एवं समाजसेवी तथा अतिथि वक़्ता श्याम स्नेही शास्त्री ने विषय को आगे बढ़ाते हुए जन्मजाति आधारित व्यवस्था को अनुपयोगी बताया और कहा कि व्यक्ति के स्वेच्छा से अपनाये गए व्यवसाय तथा शिक्षा के सिवाय सत, रजश और तम आधारित गुणों के आधार पर समाज में स्थान होना चाहिये ।

गुरूकुल कांगडी संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के पूर्व कुलपति एवं उत्तराखण्ड रत्न तथा कार्यक्रम मुख्य वक़्ता प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र
कुमार ने मनुस्मृति आधारित वर्ण व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की , तथा कालांतर में वर्ण से अलग जाति के रूप में आई विसंगतियों के बारे में बताया। सांस्कृतिक सन्दर्भ में जन्म एवं शिक्षा आधारित द्विज परम्परा का उल्लेख करते हुए उन्होंने शिक्षा, कर्म, गुण- व्यवहार और सवेच्छापूर्ण चुने गये व्यवसाय को वर्ण निर्धारण लिए महत्वपूर्ण बताया तथा व्यक्ति के किसी वर्ण में होने को गुण आधारित होने पर ज़ोर दिया ।

शिक्षाविद डा:अशोक दिवाकर, महानिर्देशक, अशोक सिंघल वेद विज्ञान रिसर्च एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय ने प्रस्तुत विचारों की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए समसामयिक परिप्रेक्ष्य में सामाजिक सुधारों और बदलाव को जरूरी बताया । गुरुग्राम महानगर संघचालक़ जगदीशजी ग्रोवर ने सभी अतिथियो एवं कार्यक्रम सहभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया । समरसता मंच गुरूग्राम के संयोजक नरेश कुमार का कार्यक्रम के आयोजन में व मंच संचालन में सलिल कुमार मिश्रा का सराहनीय योगदान रहा ।

नगर की सम्मानीय हस्तियों में प्रमुख रूप से मदन साहनी लेखक एव कवि,डाक्टर एस पी सिंह फेयर डील कालेज, डाक्टर प्रेम पोपली, सी एस भारद्वाज स्टारेक्स विश्वविद्यालय, महेन्द्र यादव पूर्व प्रांत संयोजक सामाजिक समरसता मंच हरियाणा,विमल शर्मा, अनिल कशयप , राजू शर्मा निधि मलहोत्रा ,विजयश्री,मोक्ष भारद्वाज, साक्षी शर्मा ,उष्मा सचदेव महिला संयोजिका महानगर समरसता मंच , निशा भारद्वाज, गीता ढल,मधुलिका पटेल,रेखा तिवारी, इन्द्रजीत, मोहनीश लारोईया, एस के रावत एस ई, जुगेश ,रवि ,संजीव तायल , शिक्षा जगत से जुडे गणमान्य जन व अमरजीत,रोहतास शर्मा उपस्थित रहे ।

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