नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व जजों को सेवानिवृत्ति के बाद भी अब अतिरिक्त सुविधाएं भी मिलेंगी. केंद्र सरकार ने उनकी सुविधाओं में वृध्दि और समयावधि सम्बन्धी एक अधिसूचना जारी की है. इसके तहत अब उन्हें रिटायर्टमेंट के एक साल बाद तक एक सचिव और एक ड्राइवर मिलेगा. इस नाये आदेश के तहत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रिटायरमेंट के छह महीने बाद तक दिल्ली में टाइप 7 के बंगले में बिना किराया रह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के जजों के वेतन और सुविधाओं से जुड़े कानून ‘सुप्रीम कोर्ट जजेस (सैलरीज एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस) एक्ट 1958 की धारा 24 में केंद्र सरकार के पास यह शक्ति है कि वह जजों की सुविधाओं पर नियम बना सकती है. सरकार समय समय पर सुविधाओं की समीक्षा करती है और उसमें सुधार भी करती है.
ध्यान देने वाली बात यहं है कि पिछले साल भी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सुविधाओं में बदलाव किये थे. सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस को पहले एक अर्दली, ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी को वेतन देने के लिए हर महीने 25 हजार रुपये दिये जाते थे। इसे केंद्र सरकार ने बढ़ा कर 70 हजार रुपये कर दिया था। एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट जजेस (अमेंडमेंट) रूल्स 2022 लागू किया गया है.
क्या हैं नई सुविधाएं ?
-सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस और जजों को रिटायरमेंट के 1 साल बाद तक कोर्ट की तरफ से एक शॉफर (ड्राइवर) और एक कार्यालय सहायक मिलेगा. कार्यालय सहायक सुप्रीम कोर्ट के ब्रांच ऑफिसर रैंक वाला अधिकारी होगा.
-सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश और जज को सेवानिवृत्ति के 1 साल बाद तक उनके आवास पर सुरक्षा दी जाएगी. इसके लिए एक साल तक व्यक्तिगत सुरक्षा गार्ड भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
-सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस को रिटायरमेंट के 6 महीने बाद तक के लिए दिल्ली में टाइप 7 बंगला निःशुल्क दिया जाएगा. यानीं उन्हें कोई किराया नहीं देना होगा.
-एयरपोर्ट के लाउंज में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस और जजों के लिए सम्मान प्रोटोकॉल मिलेगा.