ध्वनि प्रदूषण पर रोक को लेकर संवेदनशील बने : डॉ सारिका वर्मा
गुरुग्राम, 27 अप्रैल। अप्रैल के चौथे बुधवार को इंटरनेशनल नॉइज अवेयरनेस डे के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में आई एम ए गुड़गांव ने साउथ सिटी वन के बाहर साइकिलिंग ट्रैक पर वाकाथोन का आयोजन किया । शहर के डॉक्टरों के साथ, समाजसेवी, गुरुग्राम के कई सेक्टरों के आरडब्लूए प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए जबकि, गुरुग्राम पुलिस की ओर से डीसीपी ईस्ट विरेंद्र कुमार विज मौजूद थे।
इस अवसर पर डॉ एनपीएस वर्मा अध्यक्ष आई एम ए गुडगांव ने कहा कि हॉर्न बजाने से बहरापन और चिड़चिड़ापन होता है। दिल के दौरे भी आ सकते हैं। उन्हों के कहा कि गुडगांव पुलिस के सहयोग से हम पूरे शहर के स्कूल व अस्पताल के 100 मीटर दायरे में साइलेंस जोन या नो हॉर्न जोन बोर्ड लगा रहे हैं। सभी से निवेदन है कि वाहन चलाते वक्त हॉर्न का प्रयोग कम से कम करें।
लोगों को संबोधित करते हुए डीसीपी ईस्ट वीरेंद्र कुमार ने प्रेशर हॉर्न को पूरी तरह प्रतिबंधित बताया। उन्होंने संस्था की ओर से लोगों जागरूक करने वाले इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए सराहना की।
डॉ सारिका वर्मा आईएमए सचिव ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में ऑनलाइन क्लासेस और वर्क फ्रॉम होम के चलते हेडफोन का प्रयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया हैl इसकी वजह से जो सुनाई की कमी 65 वर्ष के लोगों में होती थी अब 15 साल के बच्चों में दिख रही है। यह बहुत गंभीर समस्या है क्योंकि इस बीमारी का इलाज नहीं है और केवल सुनाई की मशीन सारी उम्र लगानी पड़ती है । सभी को यह सलाह दें की हेडफोन का प्रयोग कम से कम किया जाए, हेडफोन की वॉल्यूम 40 प्रतिशत से ज्यादा ना रखी जाए।
ध्वनि प्रदूषण पर जागरूकता फैलाने के लिए डॉ अनिल नोसारन मेरठ से 120 किलोमीटर साइकिल चला कर गुडगांव के कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने कहा ध्वनि प्रदूषण दिखाई नहीं देता लेकिन स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
अपनी सुनाई का ध्यान रखना सब की जिम्मेवारी है और पूरे शहर को शांत रखना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।
इस मौके पर पूर्व आई एम ए अध्यक्ष डॉ वंदना नरूला,डॉ दिनेश हंस,डॉ अजय अरोरा,डॉ दीपक भाटिया, डॉ सुरेश वशिष्ट ,डॉ खन्ना ,डॉ ज्योति यादव,डॉ विनीता यादव, डॉ अलका माथुर समाजसेवी स्वाति सिंह, मुकेश डागर कोच, सचिन शर्मा, कमांडर उदयवीर उपस्थित थे ।