– डीसी ने जीएमडीए, एमसीजी तथा एनएचएआई के अधिकारियों के साथ किया जल भराव संभावित स्थलों का निरीक्षण
– बरसात में राष्ट्रीय राजमार्ग 48 व उस पर मौजूद अंडरपासों में जलभराव से राहत के लिए प्रशासन ने शुरू किए प्रयास
गुरुग्राम, 19 अप्रैल। गुरुग्राम से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 व उस पर मौजूद अंडरपासों में बरसात के समय जलभराव की समस्या इस बार ना उत्पन्न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने अभी से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव आज इस उद्देश्य को लेकर सड़क पर उतरे और बरसात में लोगों को राहत दिलाने के लिए जीएमडीए, एमसीजी व एनएचएआई के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर विभिन्न आशंकित फ्लड पॉइंट्स का मौका मुआयना किया।
उन्होंने सरहौल बॉर्डर पर एनएचएआई द्वारा नवनिर्मित यु टर्न अंडरपास का निरीक्षण कर वहां पानी की निकासी के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लेने उपरांत कहा कि उपरोक्त अंडरपास के निर्माण के बाद यह पहला बरसात का मौसम होगा, ऐसे में यहाँ जलभराव की समस्या ना हो इसके लिए हमें अभी से पुख्ता प्रबंध करने सुनिश्चित करने होंगे। इस दौरान उपायुक्त ने एनएचएआई के अधिकारियों को अंडरपास में एंट्री से पहले टेबल टॉप ब्रेकर का निर्माण करने के साथ-साथ यहां अधिक क्षमता वाले वॉटर पंम्प लगाने के निर्देश दिए।
गुरुग्राम से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर बरसात के समय सरफेस ड्रेन का ओवरफ्लो होना व राजमार्ग पर स्थित विभिन्न अंडरपास में पानी का जलभराव एक प्रमुख समस्या है। इससे बरसात के समय ना केवल यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है बल्कि काफी वाहन चालकों को वाहन खराबी जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। इस बार के मानसून में राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर कोई जलभराव ना हो व यातायात सुचारू रहे, इस उद्देश्य को लेकर गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव मंगलवार स्वयं फील्ड में उतरे। उन्होंने अपना दौरा एंबियंस मॉल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर बनाए गए यू-टर्न अंडरपास से शुरू किया। उन्हांेने वहां पर बरसाती पानी निकासी के लिए किए गए प्रबंधों को देखा। इसके बाद वे विभिन्न फ्लड आशांकित बिंदुओं का मौका देखने गए। इस दौरे में उनके साथ जीएमडीए, एमसीजी व एनएचआई के अधिकारी भी थे, जो अपनी एक्सपर्ट राय भी उपायुक्त निशांत कुमार यादव को दे रहे थे। उनकी राय सुनने के बाद उपायुक्त ने कहा कि हमें पिछले वर्षों के अनुभव से सीख लेते हुए इस बार समय रहते उचित प्रबंध करने चाहिए।
-हाइवे के नीचे से गुजरने वाली कलवर्ट व सरफेस ड्रेन को किया जाएगा साफ
डीसी श्री यादव ने एनएचआई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गुरुग्राम की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग के नीचे बने सभी कलवर्ट की सफाई करवाना सुनिश्चित करें ताकि बरसात का पानी मुख्य ड्रेन में आसानी से चला जाए। इसके साथ ही एनएचएआई केे अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र में बरसाती पानी निकासी के प्रबंधों में आवश्यकतानुसार सुधार करने की हिदायत दी गई।
-सेक्टर 31 व सिग्नेचर टावर पर भी किए जायेगें आवश्यक बदलाव-
जीएमडीए के मुख्य अभियंता राजेश बंसल ने डीसी को अवगत करवाया कि राजीव चौक और सिग्नेचर टॉवर पर अंडरपास बनने की वजह से हाईवे के साथ बनी सरफेस डेªन कट गई है और बरसात में इसके भरने से पानी ओवरफलो होकर सेक्टर 31 की ग्रीन बैल्ट तथा सेक्टर-15 में भर जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस सरफेस डेªन को सेक्टर-31 के पास से गुजरने वाली मुख्य डेªन तथा सिग्नेचर टावर के पास से गुजरने वाली जल निकासी की लेग वन से जोड़ना उचित रहेगा। इस पर उपायुक्त श्री यादव ने मौके पर ही कहा कि मुख्य डेªन और लेग वन की सही लोकेशन जीएमडीए के अधिकारी बताएंगे और एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा सरफेस डेªन को उनसे जोड़ने की कार्यवाही की जाएगी। एनएचएआई के द्वारका एक्सप्रेस वे के परियोजना निदेशक श्री निर्मन कुमार ने कहा कि जीएमडीए ड्राईंग प्लान और प्रपोजल बनाकर उनके पास भिजवाए, उसके बाद वे उच्च अधिकारियों से अनुमति लेकर इस कार्य को सिरे चढाएंगे।
-नरसिंहपुर में पानी निकासी के लिए लगाए गए पम्पों की संख्या में की जाएगी बढ़ोतरी-
उपायुक्त ने नरसिंहपुर के पास हाईवे के हिस्से का भी निरीक्षण किया। उस दौरान उन्हें बताया गया कि नरसिंहपुर क्षेत्र में बरसात के समय गुरुग्राम से जयपुर की तरफ जाने वाली सर्विस लेन व हाइवे की मुख्य लेन निचले इलाके में होने के कारण यहां जलभराव की समस्या आम बात है। एनएचआई के अधिकारियों ने उपायुक्त को बताया कि इस क्षेत्र में लोगों द्वारा सरफेस ड्रेन में कूड़ा फेंकने से यहां ड्रेन का अवरूद्ध होना एक बड़ी समस्या है। डीसी ने उपरोक्त समस्या पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि वे नरसिंहपुर से खेड़की दौला टोल तक सर्विस रोड पर कुछ चिन्हित स्थानों पर बड़े कूड़ादान रखवाए व इसके साथ ही ग्रामीणों को इस बारे में जागरूक भी करें कि वे कूड़ा उन कूड़ादानों में ही डालें। इस दौरान बताया गया कि नरसिंहपुर के पास दस हजार एलपीएम क्षमता केे दो पंप सेट्स लगे हुए हैं। इस पर उपायुक्त श्री यादव ने वहां पर पंप की क्षमता बढ़ाने के आदेश दिए और कहा कि इस साल वहां पर तीन पंप सेट लगवाएं ताकि बरसात के समय फालतु बरसाती पानी को मुख्य ड्रेन में डाला जा सके।
– नरसिंहपुर से सीपीआर तक की सरफेस ड्रेन का किया जाएगा पुनः निर्माण-
उपायुक्त की फील्ड विजिट के दौरान एनएचआई के अधिकारियों के समक्ष नरसिंहपुर से सीपीआर तक की सरफेस ड्रेन का मुद्दा भी उठाया गया जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो रहे सड़क निर्माण के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस पर उपायुक्त ने एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नरसिंहपुर से सीपीआर तक की सरफेस ड्रेन को तोड़कर इसका पुनः निर्माण करवाएं, ताकि जल भराव ना हो। इस दौरान उपायुक्त ने राजीव चौक, हीरो होंडा चौक का भी दौरा कर एनएचएआई, जीएमडीए व एमसीजी के अधिकारियों को जलभराव की समस्या के निवारण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
इस अवसर पर एनएचएआई द्वारका के प्रोजेक्ट निदेशक निर्मन कुमार, जीएमडीए के मुख्य अभियंता राजेश बंसल सहित जीएमडीए व एमसीजी के प्रमुख अधिकारीगण भी मौजूद रहे।