जिला मौलिक शिक्षा विभाग गुरुग्राम द्वारा परीक्षाओं से पहले बच्चों को दिया गया तैयारी के लिए तोहफा
गुरुग्राम, 3 मार्च : जिला मौलिक शिक्षा विभाग गुरुग्राम की तरफ से परीक्षाओं से पहले बच्चों के लिए तैयार किए गए प्रश्न बैंकों का लोकार्पण जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव द्वारा किया गया । इस मौके पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशि बाला, डाइट गुरुग्राम प्राचार्य परमजीत चहल, प्राचार्या सुशीला धनखड़ समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे ।
इस बारे में परियोजना प्रभारी राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित नेशनल अवॉर्डी शिक्षक मनोज कुमार लाकड़ा ने बताया कि जिला मौलिक शिक्षा विभाग गुरुग्राम की तरफ से परीक्षाओं से पहले बच्चों के लिए विशेष प्रश्नों का संग्रह कर के अलग-अलग विषय के अनुसार पुस्तके बनाई गई हैं । ई मंजूषा के नाम से बनाई गई यह पुस्तक बच्चों के लिए वरदान सिद्ध होंगी। बच्चों की तैयारी के हिसाब से इन डिजिटल पुस्तकों में बड़ी मात्रा में प्रश्नों का संग्रह किया गया है । लगभग 40 शिक्षकों की टीम ने दिन रात मेहनत करके इन डिजिटल पुस्तकों को तैयार किया है ।
यह डिजिटल पुस्तकें सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक बच्चे तक पी डी एफ रूप में लिंक के माध्यम से पहुंचाई जाएंगी । लोकार्पण के मौके पर गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि जिला शिक्षा विभाग गुरुग्राम के द्वारा यह पहल सच में अनोखी है। इसका प्रभाव बच्चों पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा । बच्चों को मिलने वाली यह डिजिटल पुस्तकें बच्चों की दोहराई के लिए बहुत फायदेमंद होगी ।
जिला उपायुक्त ने कहा की परीक्षाओं से पहले यदि बच्चों को सही तैयारी की सामग्री मिल जाती है तो परीक्षाओं में परिणाम का सुधार देखने को मिल सकता है । इस मौके पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशि बाला ने कहा कि कोविड-19 कारण विद्यार्थी विद्यालय में फेस टू फेस शिक्षण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे ।
इस बार उन्हें परीक्षाओं से पहले विशेष तैयारियों की आवश्यकता थी । इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे शिक्षकों ने यह डिजिटल बुक तैयार की है। हमारा उद्देश्य है कि परीक्षाओं से पहले प्रत्येक बच्चा अपने पूरे पाठ्यक्रम को डिजिटल बुक के माध्यम से दोहराई कर सके। इस कार्यक्रम के लोकार्पण समारोह में डाइट गुरुग्राम प्राचार्य के अलावा डाइट गुरुग्राम से स्टाफ सदस्य तथा जिला शिक्षा विभाग के शिक्षक आदि मौजूद रहे।
शिक्षकों की मेहनत लाई रंग
टीम में बतौर प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर काम कर रहे मनोज कुमार लाकड़ा ने बताया कि जब जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी द्वारा यह प्रस्ताव शिक्षकों के सामने रखा गया तो कुछ शिक्षकों ने आगे बढ़ते हुए इस काम को पूरा करने की ठानी तथा लगभग 40 शिक्षकों ने टीम बनाकर दिन रात मेहनत की विद्यालय में पढ़ाने के पश्चात घर जाकर अलग-अलग प्रश्नों की कड़ी को जोड़ते हुए सैकड़ों की संख्या में पाठ्यक्रम से नए नए प्रश्न तैयार किए गए तथा सभी को टाइप करते हुए डिजिटल फॉर्म में पीडीएफ के रूप में पुस्तक का रूप दिया गया ।
अब यह पुस्तक बच्चों के सामने दोहराई के लिए प्रस्तुत है। इस मौके पर शिक्षा विभाग से विनोद शौकीन, शिव शक्ति, चंचल देवी, कुसुम सैनी, व डाइट गुरुग्राम से इंदु बाला, रितु मौजूद रहे।