dushyant chautala
कहा, उद्यमी डरें नहीं, ज़िला स्तर से नीचे का अधिकारी फ़ैक्टरी को चेक नहीं कर सकता
– ऐक्ट में रियायतों का भी है प्रावधान , स्थाई पदों पर ही लागू होगा ऐक्ट
– लघु अवधि के कार्यों और विशेष कौशल वाले कार्यों को दी गयी है छूट
गुरुग्राम, 13 फ़रवरी । हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने गुरुग्राम में विभिन्न औद्योगिक एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों के साथ हरियाणा राज्य स्थानीय युवकों का रोज़गार अधिनियम 2020 पर खुलकरचर्चा की और अधिनियम के बारे में उनके संशय दूर कर आम सहमति बनाने का प्रयास किया ।
उन्होंने ये स्पष्ट कहा कि मैं सकारात्मक सोच के साथ आया हूँ । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जहाँ एक ओर हरियाणा के युवाओं को रोज़गार के ज़्यादा अवसर दिलवाने के लिए प्रयासरत है , वहीं दूसरी ओर उद्योगों को भी प्रोत्साहित करना चाहती है । सरकार चाहती है कि उद्योगों को अपने काम धंधे चलाने में दिक़्क़त न आए, इसीलिए खुले मन से उद्यमियों से विचार विमर्श करने के बाद ही इस अधिनियम को 15 जनवरी से लागू किया गया था, जिस पर अब कुछ एसोशिएशनो ने कोर्ट से स्टे ले लिया है।
उन्होंने औद्योगिक एसोसिएशनो के प्रतिनिधियों से अधिनियम के बारे में सुझाव भी प्राप्त किए और विश्वास दिलाया कि उपयोगी सुझावों पर विचार किया जाएगा। दुष्यंत ने चर्चा के दौरान उद्यमियों की अधिनियम के बारे में कई ग़लतफ़हमियाँ भी दूर की । उन्होंने स्पष्ट कहा कि अधिनियम लाने का उद्देश्य इंस्पेक्टरी राज क़ायम करना क़तई नहीं है।
दुष्यंत बोले कि अगर आप इस ऐक्ट को पढ़ेंगे तो पाएंगे है कि उसमें लिखा है कि कोई भी लेबर इंस्पेक्टर आपकी फै़क्टरी को चेक नहीं कर सकता और बाक़ायदा नोटिस देने के बाद ज़िला स्तर का अधिकारी ही चेकिंग के लिए जा सकता है, इसलिए उद्योगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है ।
उन्होंने कहा कि यह एक्ट वर्तमान में मैनपॉवर पर लागू नहीं होगा बल्कि भविष्य में रोज़गार के जितने अवसर आने है उन पर लागू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्पेसिफ़िक स्किल सेट जैसे ईंट भट्टे पर कार्य, सरिया बांधने, अपैरल इंडस्ट्री में कपड़े सीलने या कटाई- बनाई के विशेष स्किल वाले कार्य जिनके लिए हरियाणा प्रदेश में मैनपावर उपलब्ध ही नहीं है, उनमें और लघु अवधि के कार्यों के लिए ऐक्ट में उद्योगों को
रियायत दी गयी है । साथ ही दुष्यंत ने कहा कि ऐक्ट में कहीं भी उद्योग को बंद करने का प्रावधान नहीं है, केवल पेनल्टी लगायी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि हमारा ऐक्ट कहीं भी देश के संविधान का उल्लंघन नहीं करता । उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐक्ट में बहुत सी रियायतें देने का प्रावधान कर रखा है , फिर भी रीलैक्सेशन या रियायतों के लिए उद्योग जब चाहें आवेदन कर सकते हैं।
इस एक्ट को लागू करने से पहले हमने पानीपत में उद्यमियों के साथ विस्तार से चर्चा की थी और उद्यमियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर 50 हज़ार रुपया वेतन को घटाकर 30,000 रुपया किया गया था।
उन्होने कहा कि यह एक्ट उद्योगों में स्थायी पदों पर ही लागू होता है। दुष्यंत ने कहा कि उद्योग आगे आएँ और आईटीआई संस्थानों में अपनी प्रयोगशाला बनायें, प्रशिक्षक लगाए और अपनी फ़ैक्टरी की ज़रूरत के हिसाब से मैनपावर तैयार करें ताकि आपको प्रशिक्षित युवा स्थानीय स्तर पर ही मिल सकें । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीएसआर से युवाओं को प्रशिक्षित करवाने के बारे में विचार कर रही है ।
इससे पहले श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉक्टर राजाशेखर वुंडरु ने कहा कि हरियाणा रोज़गार अधिनियम बहुत ही रीसर्च के बाद लाया गया था।सभी पक्षों से पारदर्शी तरीक़े से ऑनलाइन सुझाव लिए गये, कई दिन विंडो खुली रखी गयी। रियायतों का प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हर वर्ष लगभग एक लाख आईटीआई ट्रेनी निकलते हैं। हरियाणा एक उन्नत्तिपरक राज्य है जहां पर तकनीकी शिक्षण संस्थानो का नेटवर्क है।
सभी को चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था। उद्योग विभाग के सचिव विजयेंद्र कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उद्योग से जुड़े विषयों का हल निकालने के लिए रूचि लेकर काम करते हैं। इन्होंने प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की पॉलिसी तैयार करवायी, नागरिक उड्डयन, डेटा सेंटर और स्टॉर्ट अप के लिए पॉलिसी लगभग फ़ाइनल स्टेज पर है। सभी उद्यमियों की तरफ़ से जीआईए के अध्यक्ष जेएन मंगला ने उपमुख्यमंत्री का आभार जताया ।
बैठक में अतिरिक्त श्रम आयुक्त सुरेन्द्र सिंह, चीफ़ प्रोटोकोल ऑफ़िसर वत्सल वशिष्ठ, एमएसएमई के संयुक्त निदेशक दिग्विजय सिंह, ज़िला उद्योग केन्द्र की संयुक्त निदेशक संजीत कौर, डीएलसी आरके नैन व श्री डुडी भी उपस्थित थे ।
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