नई दिल्ली : केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कार्मिक डीओपीटी डीएआरपीजी, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के “घर से काम कर रहे” कर्मचारियों और पृथकवास में रह रहे या कोविड-19 से संक्रमित अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की।
उन्होंने इन कर्मचारियों में से प्रत्येक की कुशलक्षेम पूछी और उनसे अपने अनुभव और सुझाव साझा करने को भी कहा। डॉ. जितेंद्र सिंह बैठक के दौरान इस बात पर संतुष्ट दिखे कि 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी पात्र कर्मचारियों को दोनों खुराक के साथ टीका लगाया गया है। उन्होंने तेजी से फैलते ओमिक्रॉन वायरस के कारण संक्रमण में वृद्धि को देखते हुए उन लोगों से तुरंत टीका लगवाने की एक सामान्य अपील की जिन्हें अभी तक कोविड-19 से बचने का टीका नहीं लगाया गया है।
मंत्री श्री जितेंद्र सिंह को बताया गया कि डीओपीटी के 663 अधिकारियों और कर्मचारियों में से 46 को हल्के लक्षण के साथ संक्रमण हो गया है और उनमें से 20 पहले ही ठीक हो चुके हैं। इसी तरह, कोविड-19 की तीसरी लहर में डीएआरपीजी के 158 में से 8 और पेंशन विभाग के 58 कर्मचारियों में से 6 कर्मचारी संक्रमित हुए, लेकिन अभी तक अस्पताल में भर्ती होने का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने महामारी के दौरान बिना किसी रुकावट के कार्यालय के कामकाज जारी रखने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों, समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कार्य निष्पादन में कहीं कोई कमी नहीं आई है और कुछ मामलों में तो समय की आज़ादी के साथ लक्ष्य उन्मुख कार्य संस्कृति के कारण कार्य निष्पादन में बढ़ोतरी ही हुई है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर लगभग ई-ऑफिस मोड को अपनाने के कारण कुल कार्य निष्पादन भी बेहतर रहा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) के परिणामस्वरूप दिए गए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को सप्ताहांत और छुट्टियों के दौरान भी काम करना पड़ा।
मंत्रालय के कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ ऑनलाइन अपने अनुभव साझा किए और उन सभी ने लक्षित कार्य संस्कृति के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। श्री सिंह ने कोविड से संक्रमित कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को मंत्रालय की ओर से हरसंभव मदद और समर्थन का आश्वासन दिया। डब्ल्यूएफएच की सुविधा के लिए सभी कर्मचारियों को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) कनेक्शन प्रदान किया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि डीओपीटी के नवीनतम कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, गर्भवती महिला कर्मचारियों और दिव्यांग कर्मचारियों को कार्यालय में उपस्थित होने से छूट दी गई है और अवर सचिव के स्तर से नीचे के सरकारी कर्मचारियों की शारीरिक उपस्थिति को कर्मचारियों की वास्तविक संख्या के 50% तक सीमित कर दिया गया है और शेष 50% कर्मचारी घर से काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो अधिकारी/कर्मचारी कार्यालय में नहीं आ रहे हैं और घर से काम कर रहे हैं, वे हर समय टेलीफोन और संचार के अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर उपलब्ध रहेंगे।
मंत्री श्री जितेंद्र सिंह ने सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को सलाह दी कि वे कोविड-उपयुक्त व्यवहार अर्थात बार-बार हाथ धोना/साफ-सफाई, फेस मास्क/फेस कवर पहनना और हर समय सामाजिक दूरी का पालन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल की, विशेष रूप से बार-बार छुई जाने वाली सतहों की उचित सफाई और स्वच्छता को भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।
इस बैठक में डीओपीटी के सचिव पी. के. त्रिपाठी, डीएआरपीजी और पेंशन विभाग के सचिव वी. श्रीनिवास, डीओपीटी की अतिरिक्त सचिव रश्मि चौधरी, डीओपीटी की अतिरिक्त सचिव और ईओ दीप्ति उमाशंकर, डीएआरपीजी की संयुक्त सचिव जया दुबे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।