– 219 किसानों को सोलर वॉटर पंप लगाने के लिए प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए
– गुरूग्राम जिला में 478 सोलर वॉटर पंप लगाए गए, सीएम की तरफ से डीसी ने दिए प्रमाण पत्र
– हरियाणा प्रदेश में 15000 सोलर पंप लगाए गए, 2022-23 में 50000 लगाने का लक्ष्य-सीएम
गुरुग्राम, 06 जनवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज चण्डीगढ़ मुख्यालय से प्रधामंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएमकुसुम) योजना के तहत प्रदेशभर में 68 सोलर वॉटर पंप का ऑनलाईन शुभारंभ किया और अपने खेतों में सोलर पंप लगाने वाले 219 किसानों को प्रमाण पत्र भी ऑनलाईन वितरित किए। इस कड़ी में गुरूग्राम जिला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कार्यक्रम में उपस्थित 9 किसानों को प्रमाण पत्र वितरित किए। डा. गर्ग ने बताया कि गुरूग्राम जिला में इस योजना के तहत अब तक 478 सोलर पंप लगाए गए हैं।
प्रदेश के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने चण्डीगढ़ मुख्यालय से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों में वीरवार को एक ही दिन में 68 सोलर वॉटर पंप का ऑनलाईन शुभारंभ किया और 219 किसानों को इस बारे में प्रमाण पत्र भी ऑनलाईन वितरित किए। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सोलर वॉटर पंप चलाने में सहायक ‘युजर गाईड पुस्तिका‘ का भी विमोचन किया। उन्होंने अपने खेतों मंे सोलर पंप लगाने वाले हिसार और नूंह जिला के चार किसानों से भी बातचीत की, उनके अनुभव सुने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम कुसुम योजना के तहत वर्ष 2020-21 में हरियाणा प्रदेश में 15 हजार सोलर पंप लगाए गए थे और अब वर्ष 2022-23 में 50 हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 3 से 10 हार्सपॉवर क्षमता के सोलर पंप प्रदेश में लगाए जा रहे हैं जिन पर किसान को कुल लागत की केवल 25 प्रतिशत राशि ही भरनी होती है और बाकि 75 प्रतिशत राशि सबसिडी के तौर पर दी जाती है। हरियाणा में सौर ऊर्जा से कृषि कार्यो के लिए पंप लगाने के कार्य की नाबार्ड ने भी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि ये सोलर वॉटर पंप लगाने से किसान को जहां एक ओर सबसिडी का लाभ मिलता है वहीं दूसरी ओर उसकी बिजली पर निर्भरता खत्म हो जाती है। वह जब चाहे इस पंप से अपने खेत में पानी दे सकता है। पानी के सदुपयोग के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों का आह्वान किया कि वे टपका सिंचाई प्रणाली अपनाएं।
मुख्यमंत्री मनोहल लाल ने हिसार जिला की महिला किसान श्रीमति कृष्णा तथा त्रिलोक सिंह से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने नूंह जिला की महिला किसान श्रीमति शशि आहुजा से बात की जिन्होंने अपने खेत में 5 हार्सपॉवर का सोलर वॉटर पंप लगवाया है। इसी प्रकार उन्होंने नूंह जिला के ही इशाक खान नामक किसान के भी अनुभव सुने जिन्होंने अपने खेत में 10 हार्सपॉवर क्षमता का पंप लगाया है। इशाक ने बताया कि उसे यह पंप लगाने के लिए लगभग एक लाख 10 हजार रूपए की राशि भरनी पड़ी है और सरकार ने पंप पर लगभग 4 लाख 40 हजार रूप्ए की सबसिडी दी है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले वह डीजल पंप से सिंचाई करता था जिसमें डीजल पर लगभग 1 हजार रूप्ए प्रति घंटा खर्च आ जाता था।
अब उसे इस खर्च से छुटकारा मिलेगा और वह जब चाहे सिंचाई कर सकता है। मुख्यमंत्री ने सोलर वॉटर पंप लगाने वाले किसानों से कहा है कि वे इस योजना के बारे में अपने अन्य किसान भाईयों को भी बताएं ताकि वे भी सरकार की योजना का लाभ उठा सकें।
इस मौके पर चण्डीगढ़ में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के महानिदेशक डा. हनिफ कुरैशी ने बताया कि पीएम कुसुम योजना में सोलर वॉटर पंप लगवाने का सारा कार्य ऑनलाईन तरीके से होता है। किसान अपने खेत में पंप लगाने के लिए विभाग की वैबसाईट पर ऑनलाईन आवेदन करते हैं। उसके बाद भारत सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी फर्म से किसान अपने खेत में सोलर वॉटर पंप लगवा सकते हैं। सभी के रेट बराबर हैं और किसान को केवल कुल लागत की 25 प्रतिशत राशि ही भरनी होती है।
गुरूग्राम में मुख्यमंत्री की ओर से आज जिन 9 किसानों को सोलर वॉटर पंप लगाने के लिए प्रमाण पत्र दिए गए उनमें गांव सुल्तानपुर से राजकुमार, बिमला देवी, श्रीपाल, मुंशी सिंह व देवेंद्र सिंह, गांव महचाना से अशोक कुमार व प्रवीन चौहान, गांव लोकरा से सुरेश कुमार तथा गांव मांकड़ौला से सतीश कुमार शामिल थे। उपायुक्त डा. यश गर्ग तथा अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने इन सभी किसानों को बधाई दी।
इस दौरान चण्डीगढ़ मुख्यालय पर प्रदेश के बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के मंत्री चौधरी रणजीत सिंह तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव एस एन रॉय ने भी अपने विचार रखे।