भरतपुर, जुरहरा रेखचन्द्र भारद्वाज: राजीव गांधी जल संचय योजना प्रथम चरण के अन्तर्गत जिला स्तरीय क्षमता वर्धन कार्यशाला जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कर कार्यों की समीक्षा की गई।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार ने जिला परिषद सदस्यों से आग्रह किया कि प्रत्येक ब्लाॅक से एससी, एसटी के कृषकों का चयन कर उनकी सूची जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग के अधीक्षण अभियंता को उपलब्ध करायें जिससे उन कृषकों को विभाग की खेत तलाई, बागवानी, ड्रिप, स्प्रिंकलर एवं सोलर सिस्टम योजनाओं की सुविधा विभिन्न विभागों के माध्यम से उपलब्ध करवायी जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए ब्लाॅक स्तर पर एक दिवसीय कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जायेगा। जिसमें कृषि विभाग, उद्यान विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारी भाग लेगें।
जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग के अधीक्षण अभियंता एवं नोडल अधिकारी अशोक कुमार अम्बेश ने पीपीटी के माध्यम से राजीव गांधी जल संचय योजना के दिशा-निर्देशों, उद्देश्यों एवं प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजीव गांधी जल संचय योजना कार्य 9 विभागों के द्वारा सम्पादित कराया जा रहा है, जिसके द्वारा खेतों में मेडबंदी, फाॅर्म पाॅण्ड, पोखर, तालाब, एनीकट, बांध का सुदृढीकरण कराया जा रहा है। कार्यशाला में कराये गये कार्यो की सफलता की कहानी भी प्रदर्शित की गई। सभी विभागों के 5 हजार 627 कार्य हैं, जिन्हेें 31 मार्च 2022 तक पूर्ण कराया जाना है।
पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता मनोहरसिंह, अधिशाषी अभियंता अशोक अग्रवाल, डब्ल्यूआरडी के अधिशाषी अभियंता सुरेशचन्द मीणा, अधिशाषी अभियंता प्रेमसिंह, अधिशाषी अभियंता महेश गोयल, अधिशाषी अभियंता तरूण शर्मा, जिला परिषद सदस्य श्रीमती नीतू, जवाहरसिंह, सत्येन्द्रसिंह, जगतसिंह, किशनसिंह, श्रीमती हलीमा, श्रीमती जिलसाना, श्रीमती क्षमा कुमारी, नावेद खुर्शीद एवं प्रधान श्रीमती कविता कुमारी सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लिया।