नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर पूरे देश को दुख में डूबने वाली इस खबर की सूचना जारी की है कि तमिलनाडु में दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की मौत हो गई. एयरफोर्स की ओर से ट्वीट में यह कहा गया है कि जनरल बिपिन रावत वेलिंगटन नीलगिरी हिल्स स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे और वहां की फैकल्टी और स्टूडेंट को वह आज संबोधित करने वाले थे. लेकिन प्रकृति की क्रूर लीला ने उन्हें देश से छीन लिया। इस बात की आशंका से आज पूरा देश परेशान रहा, व्यग्र रहा और चिंता में डूबा रहा कि आखिर सी डी एस जनरल बिपिन रावत की क्या स्थिति है क्योंकि सरकार पूरी तरह मौन थी. पूरा तंत्र अब तक शांत था लेकिन अंदर खाते हलचल तेज थी।
अभी लगभग 6:00 बज कर 9 मिनट पर भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर इस दुखद घटना से देश को हुई अपूरनीय क्षति की जानकारी दी है। इंडियन एयर फोर्स की ओर से कहा गया है कि बेहद दुख के साथ इस बात की पुष्टि की जा सकी कि जनरल बिपिन रावत इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना के शिकार हुए और उनकी मृत्यु हो गई। एयरफोर्स ने जारी सूचना में उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य अधिकारियों के भी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे जाने की पुष्टि की है।
इंडियन एयरफोर्स ने अपनी ट्वीट में यह भी कहा है कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह डायरेक्टिंग स्टाफ एसएससी थे इस घटना में बुरी तरह घायल हैं और वेलिंगटन स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है।
इंडियन एयरफोर्स की ओर से कहा गया है कि भारतीय वायु सेना का mi-17 v5 हेलीकॉप्टर सी दी एस जनरल बिपिन रावत को लेकर उड़ान भर रहा था जो तमिलनाडु कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं।
इस घटना से पूरा देश स्तब्ध ही नहीं बल्कि शोक में डूब गया। भारतीय रक्षा तंत्र के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए सीडीएस जनरल बिपिन रावत का इस दुनिया से चला जाना एक अपूरणीय क्षति है. जनरल रावत देश की पहले सी दी एस बनाए गए थे। उन्हें सेना के तीनों अंगों का प्रमुख बनाते हुए भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और रणनीतिक दृष्टि से दुनिया के किसी भी बेहतरीन सैनिक क्षमता के बराबर लाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी।
इसी जिम्मेदारी को निर्वहन करने के क्रम में सीडीएस जनरल बिपिन रावत लगातार रक्षा विभाग से संबंधित या सेना के तीनों अंगों से संबंधित विभिन्न संस्थानों के आधुनिकीकरण और उसे नैतिक तौर पर मजबूती देने की दृष्टि से लगातार दौरा कर रहे थे।