नई दिल्ली: भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में प्रमुख गैर-लाभकारी कौशल विकास संगठन इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया (ईएसएससीआई) ने राजस्थान सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर बुधवार को होटल ली-मेरिडियन में हस्ताक्षर किए हैं।
इस एमओयू के तहत भिवाड़ी में 13.34 करोड़ रुपये की लागत से एलसिना इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में कॉमन यूटिलिटी सेंटर स्थापित किया जाएगा। यह इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्कीम 1.0 के तहत एलसिना के सदस्यों द्वारा शुरू किया गया पहला क्लस्टर प्रोजेक्ट है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के इलेक्ट्रॉनिक्स 2012 के नीति के तहत राजस्थान में यह कॉमन यूटिलिटी सेंटर 1.5 साल की अवधि में तैयार होगा। इससे करीब 500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जॉब मिलेगा।
ईएसएससीआई की सीओओ डॉ. अभिलाषा गौर ने कहा कि यहां क्षमता निर्माण के साथ-साथ एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, डिज़ाइन और टेस्टिंग सेवाएं प्रदान करके क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और ईएसडीएम कंपनियों के लिए फायदेमंद होगा। भारत में नये और उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद तैयार करने के लिए आवश्यक सहायता व सुविधाएं मिलेगी।
ईएसएससीआई अपनी 6 प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स संघों, सिएमा, एलसिना, आईईएसए, आईपीसीए, एमएआईटी और एलकोमा के सहयोग से इलेक्ट्रॉनिक के क्षैत्र में कार्य करेगा। यह कौशल विकास के लिए अनुकूल तरीके के साथ एक विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण उद्योग को सक्षम करने और बड़ी संख्या में भारतीय मानव संसाधन की रोजगार क्षमता को बढ़ाएगा। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में कॉमन यूटिलिटी सेंटर स्थापित होने से युवाओं के स्किल्स को भी और भी बेहतर और अधिक संख्या में एम्प्लॉयमेंट को बढ़ावा मिलेगा जो की देश की अर्थ व्यवस्था को बढ़ाने में एक बड़ा योगदान होगा।