नई दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने रविवार को दो अध्यादेश लाकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशकों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने की घोषणा कर दी है. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ईडी और सीबीआई प्रमुखों का कार्यकाल दो साल का है जिसे अब बढ़ा कर पांच साल करने का फैसला लिया गया है. मोदी सरकार के इस फैसले के प्रति देश में तीव्र राजनीतिक प्रातिक्रिया भी देखने को मिली है. कांग्रेस पार्टी ने इस कदम को दोनों एजेंसियों के दुरूपयोग करने की तैयारी बताया है.
केन्द्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली विशेष पुलिस (स्थापना) अध्यादेश, 2021 और केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2021 तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। इन दोनों अध्यादेशों के लागू होने से दोनों केन्द्रीय जांच एजेंसियों के निदेशकों का अकार्य्काल अब पांच साल के लिए हो गया.
वर्तमान में संसद नहीं चलने के कारण अध्यादेश लाया गया है. संसद के आगामी सत्र में ये दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 में में संशोधन और केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 में संशोधन के लिए संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा.
कांग्रेस पार्टी ने इस कदम को दोनों एजेंसियों के दुरूपयोग करने की तैयारी बताया है. सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि अपनी सुरक्षा के लिए मोदी सरकार ने दोनों एजेंसियों के कार्यकाल को अपने बढ़ाने का फैसला लिया है. इस्ससे केन्द्रीय एजेंसियों का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल होगा.