जानलेवा जहर
सुभाष चौधरी
गुरुग्राम : राजधानी दिल्ली हो या गुरुग्राम सहित एनसीआर के अन्य शहर दीवाली के मौके पर जमकर आतिशबाजी हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने पटाखे पर प्रतिबंध संबंधित आदेश तो जारी कर दिए थे लेकिन अमल कराने की कोई व्यवस्था नहीं. नतीजतन आज पूरे क्षेत्र में वायु गुणवक्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई. एक तरफ दिल्ली में वायु प्रदूषण का 5 साल का रिकॉर्ड टूट गया तो दूसरी तरफ गुरुग्राम के 55 में से 54 स्थानों पर प्रदूषण का स्तर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया. यह कहना सही होगा कि प्रत्येक घर के बाहर जानलेवा जहर लोगों की जिंदगी लीलने का इंतजार कर रहा है और शहर की जनता अपने ही स्वास्थ्य के प्रति घनघोर लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं.
दीपावली से लगभग 1 सप्ताह पूर्व ही देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश पर दिल्ली सरकार हो या फिर हरियाणा सरकार किसी भी प्रकार के पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर चुकी थी. सरकारी निर्देशानुसार हरियाणा के गुरुग्राम सहित 14 जिले में वर्ष 2019- 20 के प्रदूषण स्तर को आधार बनाकर उक्त आदेश को लागू करने का फरमान जिला उपायुक्तों ने मीडिया के माध्यम से जारी किया. हालांकि हरियाणा के मुख्य सचिव एवं हरियाणा डिजास्टर मैनेजमेंट के अध्यक्ष की ओर से आदेश में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन कराने के लिए आवश्यक उपाय भी सुझाए थे. आदेश पर अमल पर नजर रखने के लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की टीम भी गठित करने को कहा गया था.
गुरुग्राम में आज का प्रदूषण स्तर का आकलन यह स्पष्ट करता है कि जिला प्रशासन केवल औपचारिकताओं में ही विश्वास करता है प्रभावी अमल में नहीं. यह अलग बात है कि शहर की जनता ने भी गैरजिम्मेदार और संवेदनहीन होने का परिचय दिया है लेकिन जनता को कानून के प्रति संवेदनशील बनाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के कंधों पर है जिसका निर्वहन नहीं किया गया. आदेश जारी कर केवल खानापूर्ति करना प्रशासनिक परंपरा बन गई है. ऐसे में लोगों में बात बात पर कानून की धज्जियां उड़ाने की आदत विकसित हो चली है. कभी धर्म के नाम पर तो कभी संस्कृति के नाम पर या फिर कभी पौराणिक परंपरा की दुहाई देकर हम खुद ही अपनी और आने वाली पीढीयों के लिए कब्र खोद रहे हैं.
पटाखे की बिक्री और उसके उपयोग पर प्रतिबंध संबंधी जारी आदेश का भय गुरुग्राम में तो लेश मात्र भी देखने को नहीं मिला. चाहे सदर बाजार हो या फिर डीएलएफ के इलाके, शहर के ओल्ड रेलवे रोड, न्यू रेलवे रोड, पटौदी रोड, खांडसा रोड, राजेंद्र पार्क का इलाका, शीतला माता रोड, रेलवे स्टेशन का इलाका, अशोक विहार के क्षेत्र, सेक्टर 7 एवं 9 के इलाके चारों दिशाओं में पटाखे की बिक्री धड़ल्ले से होते देखी गई. ना तो पुलिस इस मामले पर सक्रिय रही और ना ही प्रशासन के कोई अधिकारी.
शहर का प्रबुद्ध नागरिक भी तभी जागता है जब खुद के सिर पर काल मंडराने लगता है. जब हालात बद से बदतर हो जाते हैं तभी उन्हें जागरूकता का भी एहसास होता है. इस शहर में सैकड़ों की संख्या में आरडब्लूए हैं. उन पर लोगों को जागरूक करने और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने की सामाजिक जिम्मेदारी भी है लेकिन शायद ही कोई दीपावली के दिन घर से बाहर निकले हों और अपने मोहल्ले या गली में पटाखे से तौबा करने की नसीहत दी हो. प्रशासन भी इस मामले में आरडब्लूए जैसे सशक्त माध्यम का उपयोग करने का नजरिया अब तक विकसित नहीं कर पाया है. इस अवसर पर सिविल डिफेंस की भूमिका भी नगण्य दिखी जबकि अन्य सामाजिक संगठनों के लोग भी बेखबर रहे.
दीपावली के अवसर पर पूरा शहर विस्फोटक युक्त पटाखे के धूएँ और खतरनाक आवाज की गिरफ्त में रहा. इसमें कोई दो राय नहीं कि धमाकेदार आवाज जिला के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों तक नहीं पहुंची हो. यह स्थिति आधी रात से भी अधिक समय तक जारी रही.कोई देखने वाला नहीं, कोई टोकने नहीं दिखा, जिसका नतीजा आज रिकॉर्ड तोड़ प्रदूषण सामने हैं.
गुरुग्राम के 55 स्थानों से लिए गए वायु गुणवत्ता सैंपल से यह स्पष्ट है कि आज गुरुग्राम के आकाश पर जानलेवा जहर पूरी तरह डेरा जमाए हुए हैं. शहर के एयरो सिटी, अरावली पार्क एंट्रेंस, अरावली पार्क मिडिल, अरावली पार्क नर्सर,अरावली पार्क एंड , राधा कृष्ण मंदिर. बलभद्र टावर ,ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक हॉस्पिटल, कार्टरकुरी, डीएलएफ फेज वन, डीएलएफ पार्क प्लेस, डीएलएफ फेज 1, डीएलएफ फेज 2, डीएलएफ फेज 2 ,सेक्टर 25, डीएलएफ फेज 5, हेरिटेज वन टावर ए, हुडा ऑफिस, कन्हई, लेजर वैली पार्क, मसानी वीएम, म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफिस, नजफगढ़, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मलेरिया रिसर्च, नवसारी एरिया, नाइस ग्वाल पहाड़ी, राधे मोहन ड्राइव टू, रिक्को इंडस्ट्रियल एरिया, रुचि विहार, सेक्टर 14, सेक्टर 18, सेक्टर 31, सेक्टर 42, सेक्टर 43, सेक्टर 47, सेक्टर 49, सेक्टर 5, सेक्टर 61, सेक्टर 66, सेक्टर 67, सेक्टर 69, सेक्टर 6, मानेसर सेक्टर 6, सेक्टर 62 सेक्टर, 65, सेक्टर 72 ,सुशांत लोक फेज वन, ताऊ देवी लाल बायो डायवर्सिटी पार्क, तेरी ग्राम. अरलियास, टिकरी, वसंत कुंज सेक्टर सी, वाटिका सिटी एवं विकास सदन गुड़गांव के पास वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है. इनमें से 16 स्थानों पर पीएम 2.5 का स्तर जोखिमभरा है जहाँ खुली हवा में स्वांस लेना जैसे जहर पीने के समान है.
जाहिर है इन स्थितियों के लिए जितना शहर की आम जनता जिम्मेदार है उतना ही प्रशासन. इस मामले में आम आदमी ने वायु प्रदूषण को बढ़ाने में बड़े पैमाने पर पटाखे का उपयोग कर जितना नकारात्मक योगदान दिया उससे कहीं अधिक प्रशासनिक लापरवाही का भी रहा. चाहे नुकसान जितना भी हो जाए इसकी जवाबदेही तय करने की परंपरा भी अब नहीं रह गई है. इसलिए इस प्रकार की उम्मीद करने से बेहतर है कि आम लोगों में सद्बुद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें.
गुरुग्राम शहर की विभिन्न स्थानों पर वायु प्रदूषण का स्तर :
Air Pollution Level in Gurgaon
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