नई दिल्ली : आर्यन खान ड्रग्स मामले की जांच कर रहे एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ मुंबई पुलिस की तरफ से प्रभाकर सैल की शिकायत पर शुरू की गई जांच को रोकने की मांग की . वानखेड़े ने हाईकोर्ट से अंतरिम राहत की गुहार लगाई लेकिन कोर्ट ने मामले की जांच को रोकने से इनकार किया. साथ उनकी सीबीआई से जांच कराने की मांग को भी ठुकरा दिया. कोर्ट ने उन्हें तात्कालिक राहत दी कि पुलिस गिरफ्तारी से पहले 72 घंटे का नोटिस देगी .
हाईकोर्ट ने वानखेड़े को बिना नोटिस के गिरफ्तार करने पर रोक लगाई है । कोर्ट ने इस मामले की जांच मुंबई पुलिस को ही जारी रखने की छूट दे दी। हाईकोर्ट की दूसरी बेंच में आर्यन खान की बेल पर भी सुनवाई चल रही है ।
वानखेड़े की याचिका पर जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस एसवी कोटवाल की बेंच ने सुनवाई की । वानखेड़े के वकील ने कहा कि वानखेड़े को महाराष्ट्र राज्य सरकार की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी जाय।
वानखेड़े के वकील ने कोर्ट के समक्ष आशंका जाहिर की कि जांच के लिए राज्य की तरफ से कोई सहमति नहीं ली गई है। यदि मुंबई पुलिस वानखेड़े को आज गिरफ्तार करती है, जिसकी उन्हें आशंका है, उनके अधिकारों का हनन होने तक का इंतजार नहीं किया जा सकता।
वानखेड़े ने कहा, उनके अधिकारों की रक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि वानखेड़े कोई पैडलर नहीं बल्कि एक डायरेक्टर हैं । उन्होंने CBI या NIA को जांच सौंपने की गुहार लगाईं . उन्होंने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत भी इस तरह वानखेड़े की जांच करने पर रोक है। केंद्रीय जांच एजेंसी पर किसी तरह का आरोप नहीं है।
सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश सरकारी वकील ने वानखेड़े की याचिका का विरोध किया। सरकारी वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि वानखेड़े के खिलाफ चार शिकायतें मिली हैं। इनकी जांच अभी शुरू की गई है. अभी तक वानखेड़े के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। ऐसे में उनकी तरफ से यह याचिका बेहद प्री-मेच्योर स्टेज पर दाखिल की गई है।
सुनवाई के बात बॉम्बे हाईकोर्ट ने जांच CBI को सौंपने का की मांग खारिज कर दी । हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया कि अगर मुंबई पुलिस वानखेड़े को गिरफ्तार करती है तो पहले उन्हें तीन दिन का नोटिस देना होगा।