नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक में वस्त्र उद्योग के लिए पी एल आई योजना को स्वीकृति दी गई । आत्मनिर्भर भारत की नीव को और अधिक मजबूत करने की दिशा में उठाए गए इस कदम की जानकारी केंद्रीय वस्त्र उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दी।
यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री गोयल ने बताया कि मोदी कैबिनेट ने आज वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी है। इससे भारतीय कंपनियां वैश्विक बाजार में चैंपियन बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि इससे देश के ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि वस्त्र उद्योग से भारत में सर्वाधिक रोजगार मिलते हैं जबकि अर्थ व्यवस्था में इसका बड़ा योगदान है.
उनका कहना था कि आज अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का दो तिहाई बाजार Man Made Textile और Technical Textile का है, ऐसे में भारत भी फेब्रिक, गारमेंट्स सहित पूरे इकोसिस्टम में अपना योगदान दे, उसके लिये PLI योजना को स्वीकृति दी गयी है.
उन्होंने कहा कि PLI योजना, जो प्रधानमंत्री @NarendraModi का विज़नरी कदम है, इसमें आज वस्त्र उद्योग के साथ जुड़ी PLI को मंजूरी मिली है। देश में सबसे अधिक रोजगार वस्त्र उद्योग देता है, इसके साथ ही इस सेक्टर का प्राचीन काल से ही हमारी अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान रहा है
5 वर्षों में 10683 करोड़ की प्रोत्साहन राशि
श्री गोयल ने बताया कि नोटिफाइड प्रोडक्ट के निर्माण के लिए टेक्सटाइल उद्योग के क्षेत्र में 5 वर्षों में 10683 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मंजूर की गई है जबकि उम्मीद है कि इससे 19000 करोड़ से अधिक का नया निवेश होगा। पीयूष गोयल ने कहा कि बड़ी स्केल की अर्थव्यवस्था का लाभ मिलेगा। 3 लाख करोड़ से अधिक का अतिरिक्त प्रोडक्शन टर्न ओवर होने की उम्मीद है।
साढ़े सात लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजन
श्री गोयल ने दावा किया कि टेक्सटाइल उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंकडइन के तहत साढ़े सात लाख प्रत्यक्ष रोजगार तथा सहायक गतिविधियों से कई लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
आकांक्षी जिलों और कस्बों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश
उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों और कस्बों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश के लिए अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना से टेक्सटाइल के क्षेत्र में महिलाओं का भी सशक्तिकरण होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में रजिस्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पात्र माना जाएगा
मेक इन इंडिया को इससे प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि केवल भारत में रजिस्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को ही इस p.l.i. स्कीम के लिए पात्र माना जाएगा। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल उद्योग के लिये मंजूर की गई इस योजना से वैश्विक कपड़ा व्यापार में भारतीय कंपनियां अपना प्रभुत्व पुनः प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ेंगे।
कई राज्यों को होगा फायदा
उन्होंने बताया कि इस योजना से भारतीय कंपनियों को वैश्विक चैंपियन के रूप में उभरने में मदद मिलेगी। इस योजना से एक खास रूप से गुजरात, यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब,आंध्र, तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों को तो लाभ होगा ही साथ ही बिहार जैसे राज्य भी इस योजना को लागू कर लाभ ले सकेंगे और वहां टेक्सटाइल उद्योग को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में इस क्षेत्र में केवल कॉटन उद्योग से संबंधित इकाइयों को ही प्रोत्साहित करने की कोशिश की गई थी जबकि इसे समग्र रूप से देखने की आवश्यकता थी. उन्होंने माना कि कॉटन उद्योग में भारत की कम्पनियां विश्व स्तर पर मजबूत हैं.
पत्रकारवार्ता में केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे.