मंच का आरोप : स्कूल प्रबंधक अपने निजी खर्चो पर करते हैं पेरेंट्स से वसूली गई फीस का इस्तेमाल
लाभ में होते हुए भी प्रतिवर्ष ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में वृद्धि करते हैं सी बी एस ई स्कूल
चेयरमेन एफएफआरसी को प्राइवेट स्कूलों के खातों की जांच व ऑडिट करने का अधिकार
2018 के बाद एफएफआरसी ने अपने इस अधिकार का प्रयोग नहीं किया
न्याय मिलने पर अभिभावक हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएँगे
गुरुग्राम : हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल प्रबंधक खासकर सीबीएसई वाले लाभ में होते हुए भी प्रतिवर्ष ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में वृद्धि कर अभिभावकों से मनमानी फीस वसूलते हैं। मंच ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंधक पेरेंट्स से वसूली गई फीस का इस्तेमाल अपने निजी खर्चो व अपने अन्य संस्थानों पर करते हैं। मंच का कहना है कि चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर गुरुग्राम को यह अधिकार है कि वह शिकायत मिलने के बाद और प्रत्येक वर्ष प्राइवेट स्कूलों के खातों की जांच व ऑडिट कराए लेकिन 2018 के बाद चेयरमैन एफएफआरसी ने अपने इस अधिकार का प्रयोग नहीं किया है। उससे पहले के चेयरमैन एफएफआरसी डी. सुरेश ने गुरुग्राम के शारदा, डीएवी14, ब्लू बेल्स, डीपीएस 45, शेमरोक व फरीदाबाद के दर्जनों स्कूलों का ऑडिट कराया था।इसमें काफी मनमानी पकड़ी गई थी लेकिन इन स्कूलों के संचालकों ने ऑडिट रिपोर्ट पर आगे कार्रवाई नहीं होने दी।
आरटीआई से माँगा जवाब
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व गुरुग्राम जिला सचिव एडवोकेट रामफल ने कहा है कि मंच की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय गुरुग्राम में आरटीआई लगाकर सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड के उन सभी प्राइवेट स्कूलों की सूची मांगी गई है जिन्होंने पिछले 5 सालों में बैलेंस शीट के साथ फॉर्म 6 जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराया है। मंच का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक फार्म 6 व बैलेंस सीट में लमसम आमदनी दिखाते हैं । ट्यूशन फीस के अलावा अन्य जिन गैर कानूनी फंडों में फीस वसूली गई है उन फंडों का नाम और उनमें वसूली गई फीस का जिक्र नहीं करते। इसी प्रकार खर्चों में कई फालतू मदों जैसे एडवरटाइजमेंट, लीगल, एनुअल फंक्शन, किताब कॉपी बेचने, वेलफेयर मनोरंजन, डोनेशन, दिवाली खर्चा, टूर एंड ट्रैवल, प्लॉट व जमीन खरीदने आदि पर लाखों खर्चा दिखाते हैं जो पूरी तरह से गैरकानूनी है।
लाभ के पैसे को करते हैं अपने अन्य संस्थानों में ट्रांसफर
उन्होंने यह भी आरोप लगाया गया है कि आमदनी व खर्चा बराबर करने के लिए जो पैसा लाखों में लाभ के रूप में बचा होता है उसको अन्य खर्चों पर दिखा देते हैं। इसके अलावा लाभ के पैसे को अपने अन्य संस्थानों में ट्रांसफर करते हैं। जितने अध्यापक व कर्मचारियों के नाम व उनको दी गई सैलरी दिखाते हैं उसमें भी हेराफेरी की जाती है। बिना कार्यरत अध्यापक व कर्मचारियों के नाम दर्शाए जाते हैं। जितनी तनखा उनके नाम के आगे लिखते हैं वह वास्तव में उनको दी ही नहीं जाती है।स्कूल प्रबंधक साइन पूरी तनख्वाह पर कराते हैं जबकि दी उससे आधी जाती है।
सोसायटी एक्ट के तहत स्कूल से कोई भी पैसा लेने के हकदार नहीं
मंच के संरक्षक एडवोकेट आर के यादव ने कहा है कि स्कूल की शिक्षण सोसायटी के चेयरमैन, एमडी, प्रबंधक आदि प्रति महीने 5 लाख से ज्यादा तनखा वसूलते हैं जबकि वे सोसायटी एक्ट के तहत स्कूल से कोई भी पैसा लेने के हकदार नहीं होते हैं। मंच का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक जानबूझकर फॉर्म 6 के साथ बैलेंस शीट नहीं लगाते हैं। अगर लगाते भी हैं तो वह आधी अधूरी होती है।
स्कूल में वैधानिक पेरेंट्स एसोसिएशन बनने ही नहीं देते
मंच ने कहा है कि सीबीएसई के नियम के अनुसार प्रत्येक स्कूल को अपने स्कूल की वैधानिक रूप से चुनी गई पेरेंट्स एसोसिएशन की सलाह व सहमति से ही फीस बढ़ानी चाहिए लेकिन स्कूल प्रबंधक अपने स्कूल में वैधानिक पेरेंट्स एसोसिएशन बनने ही नहीं देते हैं। इसकी जगह अपने 2-3 चहते पेरेंट्स को मैनेजिंग कमेटी में शामिल कर लेते हैं और उन्हीं से फीस वृद्धि पर साइन करा लेते हैं। मंच को डीपीएस मारुति कुंज की पेरेंट्स एसोसिएशन ने इस स्कूल द्वारा पिछले 6 सालों में की गई फीस वृद्धि का चार्ट भेजा है जिसके अनुसार इस स्कूल ने ट्यूशन फीस में 131%, एनुअल चार्ज में 67% व ट्रांसपोर्ट फीस में 158% प्रतिशत की वृद्धि की है।
सी बी एस ई से पेरेंट्स एसोसिएशन की प्रक्रिया व उनकी सूची मांगी
मंच ने सीबीएसई दिल्ली कार्यालय में आरटीआई लगाकर गुरुग्राम व फरीदाबाद के प्राइवेट स्कूलों द्वारा बनाई गई पेरेंट्स एसोसिएशन की प्रक्रिया व उनकी सूची मांगी है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि इन्हीं सब बातों की जांच करने व गुरुग्राम के प्राइवेट स्कूल डीपीएस मारुति कुंज/डीएलएफ व 45, हैरिटेज व यूरो इंटरनेशनल, सनसिटी, जीडी गोयनका, एमिटी, डीएवी14, शारदा, मिलेनियम, संट जेवियर, नारायणा, मौर्या, शेमरोक, शिवनाडर,मानव रचना, ब्लू बेल्स आदि के पिछले 5 साल के खातों की जांच व ऑडिट करने के लिए अभिभावको शलभ गोयल, दीपक, प्रवीण, गौरव, अजय, शिवानी यादव, ममता, प्रियंका, रीना, पंकज ,नितिन ,सुशील आदि की ओर से चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर गुरुग्राम को पत्र लिखकर मांग की गई है।
मांग पूरी ना होने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का सहारा लिया जाएगा। पत्र की प्रति मुख्यमंत्री, डॉ महावीर सिंह अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा, चेयरमैन सीबीएसई व चेयरमैन एनसीपीआरसी को भी आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी गई है।