– श्रद्धालुओं के लिए कोविड प्रोटोकाल की पालना अनिवार्य-मुख्य कार्यकारी अधिकारी
गुरुग्राम : श्री माता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतपाल शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार शीतला माता मंदिर में लगने वाले आषाढ़ मेले में श्रद्धालु प्रातः 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही माता के दर्शन कर पाएंगे। यह मेला 25 जून से शुरू होने जा रहा है।
श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हम सभी ने कठिनाईयां झेली है और कईयों ने तो अपने परिजनों को भी खो दिया। अभी संक्रमण कम जरूर हुआ है लेकिन महामारी पूरी तरह से खत्म नही हुई है। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं की बीमारी से सुरक्षा को देखते हुए माता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 25 जून से शुरू होने वाले आषाढ़ मेले के दौरान श्रद्धालु मंदिर में प्रातः5 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही माता के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान सरकार द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकाॅल की पालना का पूरा ध्यान रखा जाएगा और इस बारे में श्रद्धालुओं को भी जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गुरूग्राम का शीतला माता मंदिर उत्तर भारत में श्रद्धालुओं मे विशेष स्थान रखता है और हरियाणा के अलावा राजस्थान , उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से भी काफी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में माता के दर्शन करके आशीर्वाद लेने आते हैं। उत्तर भारत के लोगों में इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है। यही वजह है कि चैत्र मेला हो या नवरात्र मेला या अब लगने वाला आषाढ़ मेला हो , सभी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। लोग खासकर आधी रात अर्थात् रात्रि 12 बजे से ही लाईनों में लग जाते हैं और उनका प्रयास रहता है कि वे अलसुबह माता के दर्शन करके उनका आशीर्वाद लें।
आषाढ़ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ सप्ताह के पहले 3 दिन रविवार , सोमवार व मंगलवार को रहती है। श्रद्धालु रात में ही मंदिर परिसर के बाहर जमा हो जाते हैं। अब कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए और श्रद्धालुओं को महामारी से बचाने के लिए मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि आषाढ़ मेले में लोग शीतला माता मंदिर में सुबह 5 बजे से लेकर रात को 10 बजे तक दर्शन कर सकेंगे। उसके पश्चात् मंदिर को बंद कर दिया जाएगा।
श्री शर्मा ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कोरोना प्रोटोकाॅल का ध्यान रखें और उनके हित में दर्शन के लिए निर्धारित किए गए समय के दौरान ही मंदिर में आएं। उससे पहले या बाद में मंदिर परिसर के आस पास अनावश्यक भीड़ ना करें और ना ही स्वयं परेशान हों। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से श्रद्धालुओं तक मंदिर में दर्शन के समय के बारे में जानकारी पहुंचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। सभी श्रद्धालु प्रातः 5 बजे से रात को 10 बजे तक अपनी श्रद्धेय माता शीतला के दर्शन करें और उनका आशीर्वाद लें।