चंडीगढ़, 11 मई- हरियाणा में 14 मई, 2021 को अक्षय तृतीय (अक्खा तीज) के अवसर पर बाल विवाह को रोकने के लिये मंदिर के पुजारियों, आंगनवॉडी वर्कर्स, नंबरदारों और नगर पार्षदों से अपील की गई है कि वे अपने गांव व क्षेत्रों से इस दिन आयोजित होने वाले विवाह समारोह के दौरान लडका व लडकी की आयु की जांच करें और उनका बालिग होना सत्यापित करें।
इस बारे में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बाल विवाह हमारे समाज में फैली एक कुप्रथा है। यदि विवाह के समय लडके की आयु 21 वर्ष और लडकी की आयु 18 वर्ष से कम पाई जाती है तो यह बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत एक गैर-जमानती अपराध है।
उन्होंने बताया कि इस अधिनियम में बाल विवाह में शामिल होने वाले और बाल विवाह करने वालों को दो वर्ष के कारागार की सजा तथा एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।