कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली डोज लेने वाले सीनियर सिटिजन 42 दिन पूरे होने पर दूसरी डोज का कर रहे हैं इन्तजार
आर डब्ल्यू ए सेक्टर 3, 5 और 6 ने की बुजुर्गों व दूसरी डोज लेने वालों को प्राथमिकता देने की मांग
कहा ,18 से 45 साल की उम्र के लिए हो वैक्सीनेशन की प्रक्रिया बंद
सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने की व्यवस्था नहीं, बुजुर्ग कर रहे हैं घंटों इन्तजार
गुरुग्राम : शहर के बुजुर्गों का कहना है कि 18 से 45 साल से कम उम्र के लोगों का वैक्शिनेशन कार्यक्रम अभी बंद करना चाहिए. सरकार को पहले उन बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए पहले वैक्सिनेशन प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए जिन्हें कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. अधिकतर सीनियर सिटिजन ने हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार से मांग की है कि पहले 45 साल से ऊपर के जिन लोगों को वैक्सिनेशन की पहली डोज दी जा चुकी है पहले उनको ही दूसरी डोज देनी चाहिए. अन्यथा यह सारा प्रयास बेकार जायेगा क्योंकि 45 से अधिक उम्र वाले ऐसे व्यक्तियों को पहली डोज लगे 42 दिन और इससे ज़्यादा भी हो चुके हैं. हालत यह है कि सीनियर सिटिजन को भी सरकार के नए निर्णय से अब लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है जबकि दूसरी तरफ भीड़ इस कदर उमड़ पड़ी है कि इन्फेक्शन की आशंका भी प्रबल हो चली है. आर डब्ल्यू ए सेक्टर 3, 5 और 6 की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस स्थिति की जानकारी दी गई है.
सभी सेक्टरों में सीनियर सिटिजन इस बात से चिंतित है कि उन्हें वैक्सीन के चक्कर में कोरोना का इन्फेक्शन न हो जाए. इससे उनकी जान को सुरक्षा मिलने के बदले संक्रमण मिल जायेगा क्योंकि वैक्सीन सेंटर पर सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने की कोई व्यवस्था नहीं है.
दूसरी तरफ 18 से 45 की उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन की प्रक्रिया शुरू तो कर दी गई लेकिन इसके लिए कोई व्यवस्थित तरीका नहीं अपनाया गया. प्रत्येक सेंटर पर बड़ी संख्या में इस उम्र के लोग उमड़ पड़े हैं. राजिव नगर वैक्सीन सेंटर पर लोगों की भीड़ अनियंत्रित है क्योंकि यहाँ आने वाले लोग मनमाने तरिक्के से इसके लिए आ रहे हैं. जबकि सरकार को उनके लिए दिन निर्धारित किया जाना चाहिए. उनके पंजीकरण के अनुसार उन्हें अवधि और दिन निर्धारित करने से सोशल डिस्टेंस भी मेंटेन होता और पहली डोज लिए हुए व्यक्ति को भी दूसरी डोज लेने में कठिनाई नहीं होती.
अगर बात की जाय सेक्टर 3, 5 और 6 की तो यहाँ ज़्यादातर व्यक्ति सीनियर सिटिजन हैं. यहाँ भी स्थिति चिंताजनक है.
आर॰डबल्यू॰ए॰ सेक्टर 3,5 और 6 ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भेजे पत्र में बताया है कि इन सेक्टरों में रहने वाले रेज़िडेंट्स में से अब तक 700 लोगों को कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली डोज दी गई है जिन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्धारित नियमों के अनुसार अब दूसरी डोज लगने का समय आ चुका है। सभी सीनियर रेज़िडेंट्स परेशान हैं क्योंकि उनकी दूसरी डोज निर्धारित समय से सरकारी हॉस्पिटल नहीं लगा पा रहे हैं। मंगलवार को सेक्टर 5 के रेज़िडेंट्स के पहली डोज लगे 42 दिन से ज़्यादा हो गये हैं. सभी रेज़िडेंट्स पी॰एच॰सी॰ गली नम्बर 9, राजीव नगर, सुबह 8 बजे से लाइन में खड़े हैं. इस सेंटर पर सुबह से ही दूसरे इलाके के लोगों की भीड़ लगी हुई है. यहाँ न तो दो गज की दूरी का ख़याल रखा जा रहा है और न ही मास्क लगाए रखने के नियम का पालन हो रह है.
ख़ास बुजुर्गों को इस बात का भय सता रहा है कि इस हालात में लाइन में खड़े रहना उनके लिए जानलेवा न साबित हो जाए. कोरोना के संक्रमण की आशंका प्रबल है क्योंकि गुरुग्राम में कोरोना संक्रमण लगभग सभी इलाके में फ़ैल गया है.
यहाँ खड़े बुजुर्गों का कहना है कि पी॰एच॰सी॰ स्टाफ़ इस स्त्थिति से निबटने में असफल है. दूसरी डोज के लिए ए अधिकतर लोगों को शूगर और बी॰पी॰ एवं हृदय रोग की बिमारी है जो आज सुबह से लाइन में कहदे हैं. इस हालात में लोग बिना वैक्सीन लगवाये ही घर लौट गए.
आर॰डबल्यू॰ए॰ सेक्टर 3,5 और 6 के प्रेसिडेंट दिनेश वशिष्ठ का कहना है कि अब 18 साल से 45 साल की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगानी शुरू हो चुकी है. सेक्टर 5 वालों को भोंडसी पी॰एच॰सी॰ जाना पड़ रहा है और भोंडसी पी॰एच॰सी॰ वालों को राजीव नगर आना पड़ रहा है. इससे गुड़गाँव शहर की जनता परेशान हो चुकी है। उन्हें कोरोना फैलने का डर सता रहा है। उन्होंने यह कहते हुए सरकार के इस अव्यावहारिक निर्णय पर आश्चर्य व्यक्त किया कि सरकार एक तरफ तो लॉक डाउन लगा रही है दूसरी तरफ़ वैक्सिनेशन के लिए लोगों को इधर उधर भटका रही है. इससे लोग डरे हुए हैं की अगर समय पर उन्हें दूसरी डोज नहीं लग पायेगी तो उनके स्वास्थ्य का क्या होगा ? कहीं उन्हें संक्रमण के साथ साथ कोई साइड इफेक्ट का सामना न करना पड़े ।
श्री वशिष्ठ ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से अपील की है कि पहले जिन लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी हैं उनकी दूसरी डोज लगायें उसके बाद ही रेजिस्ट्रेशन के अनुसार पीएचसी की क्षमता के अनुसार 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सिनेशन की प्रक्रिया शुरू करें. इससे प्रधानमन्त्री का यह अभियान विफल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वैक्सीन सेंटर पर व्यवस्था बनाये रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पुलिस की मदद लेनी चाहिए अन्यथा वैक्सीन सेंटर पर वैक्सीन के साथ साथ कोरोना वायरस भी लेकर लोग अपने घरों को जायेंगे जो सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन जायेगी.