गुरूग्राम, 29 अप्रैल। गुरूग्राम के अस्पतालों में उपलब्ध बैड का सही ढंग से प्रबंधन करके वास्तविक रूप से जरूरतमंद गंभीर कोविड मरीजों को बैड दिलवाने के प्रयास निरंतर जारी है। बुधवार को गुरूग्राम जिला प्रशासन की सूझबूझ और प्रबंधन से यहां के अस्पतालों में 213 मरीजों को दाखिल करवाया गया जिससे उन्हें अच्छे ईलाज की उम्मीद बंधी। इन अस्पतालों से 184 मरीज ठीक होकर कोरोना की लड़ाई जीतने के बाद अपने घरों को लौटे हैं।
जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि गुरूग्राम के अस्पतालों में गुरूग्राम जिला के अलावा, दिल्ली तथा देश के अन्य भागों से भी मरीज आ रहे हैं। इस कारण यहां पर कोरोना मरीजों के लिए बैड कम पड़ रहे हैं। इस स्थिति को भांपते हुए उपायुक्त डा. यश गर्ग ने जहां एक ओर काॅर्पोरेट कंपनियों व संस्थाओं के सहयोग से उनके सीएसआर की मदद से शहर में अस्थाई अस्पतालों की व्यवस्था करने की योजना बनाई वहीं दूसरी ओर अस्पतालों के उपलब्ध बैड का सही ढंग से प्रबंधन करने के लिए अस्पतालों में टीम तैनात की। जिला के अस्पतालों की मदद के लिए एग्जिक्युटिव मैजिस्टेªट, नोडल अधिकारी, सिविल सर्जन कार्यालय और इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल कर वहां पर टीम तैनात की है। यह टीम अस्पताल में भर्ती ऐसे मरीजों जिन्हें राहत मिल चुकी है और जो गंभीर प्रवृति में नही आते, उनको डिस्चार्ज करवाकर बैड उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि उनके स्थान पर गंभीर मरीजों को जगह मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके।
उपायुक्त डा. यश गर्ग के मार्ग दर्शन में जिला प्रशासन का समस्त अमला कोविड पीड़ित मरीजों के लिए व्यवस्थाएं करने में जुटा हुआ है। गुरूग्राम के लिए राज्य सरकार से निुयक्त कोविड मोनिटरिंग अधिकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव टी सी गुप्ता भी यहां पर व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं और वे निरंतर गुरूग्राम प्रशासन को समय-समय पर दिशा-निर्देश दे रहे हैं। अस्पतालों में नियुक्त टीमों से बैड की उपलब्धता और आॅक्सीजन की आपूर्ति के संबध्ंा में रिपोर्ट ली जा रही हैं। जिला प्रशासन ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रशासन केवल उन्हीं अस्पतालों के लिए आॅक्सीजन की व्यवस्था करवाने का प्रयास करेगा जो प्रशासन के साथ रजिस्टर्ड हैं या जिन्होंने रजिस्टेªशन के लिए आवेदन कर रखा है।
उपायुक्त डा. गर्ग ने गुरूग्राम जिलावासियों से आग्रह किया है कि वे जहां तक संभव हो अपने घरों के अंदर ही रहें और फिर भी कोई संक्रमित हो जाता है तो उस व्यक्ति का आॅक्सीजन लैवल चैक करते रहें। उन्होंने कहा कि कोरोना के 90 प्रतिशत मरीज घर पर होम आइसोलेशन मे रहकर ही ठीक हो सकते हैं, ऐसा स्वास्थ्य विशेषज्ञो का मानना है। इस कठिन घड़ी में सभी सयंम से काम लें और स्वयं भी हौंसला रखें तथा मरीज को भी हौंसला दें। व्यर्थ की अफवाहों से बचे और आॅक्सीजन या अन्य दवाओं को अनावश्यक रूप से स्टोर करके ना रखें। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम जिला प्रशासन कोविड की स्थिति पर निरंतर नजर रखे हुए है, किसी जिलावासी को घबराने की जरूरत नही है।