नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज देश में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण की नीति में बड़ा बदलाव करने का ऐलान कर दिया. इस बड़े नीतिगत बदलाव के तहत अब भारत सरकार ने 18 साल की उम्र तक के लोगों को भी वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी. इसके लिए केंद्र सरकार ने वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने की दृष्टि से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उत्पादकों को प्रोत्साहित करने की स्कीम भी स्वीकृत की है।
केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीनेशन फेज 3 शुरू करने की घोषणा के साथ ही अब देश में 18 साल तक के छात्र-छात्राओं को भी वैक्सीन लगवाने की अनुमति होगी. यह वैक्सीनेशन का प्रोग्राम आगामी 1 मई से पूरे देश में शुरू किया जाएगा. इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी बयान में कहा है कि उनकी सरकार पिछले 1 वर्षों से देश के अधिकतम लोगों को वैक्सीन की सुविधा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक वैक्सीन की सुविधा पहुंचाने की कोशिश जारी है।
आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में देश के मशहूर बड़े चिकित्सा विशेषज्ञों की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए और वैक्सीनेशन के दायरे को 18 साल तक की उम्र वाले बच्चों तक बढ़ाने का सुझाव दिया।
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इसके तहत वैक्सीन की कीमत उसके उत्पादन आपूर्ति और इसके रखरखाव की व्यवस्था को लेकर भी गहन चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में वैक्सीन उत्पादकों को आर्थिक अनुदान देने का भी निर्णय लिया गया और अब उत्पादक सीधे संबंधित राज्य सरकारों को अपने अपने कुल उत्पादन का 50% वैक्सीन आपूर्ति कर सकेगा।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से वैक्सीन आपूर्ति की मात्रा लगातार बढ़ाने की मांग की जा रही थी. इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आज विशेषज्ञों की बैठक में अब राज्यों को अतिरिक्त मांग के अनुसार वैक्सीन सीधे निर्माताओं से खरीदने की अनुमति दे दी गई।
सरकार की ओर से जारी आदेश में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी व्यक्तियों को सरकार की ओर से निशुल्क वैक्सीन लगाने की व्यवस्था जारी रहेगी।