सुभाष चौधरी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण की रफ़्तार बेतहाशा बढ़ने के मद्देनजर हरिद्वार में आयोजित कुम्भ स्नान को स्थगित करने के लिए साधू संतों से आग्रह किया है. उन्होंने विभिन्न धार्मिक संगठनों के प्रमुखों से टेलीफ़ोन पर बात कर उनसे शाही स्नान की परक्रिया को अब प्रतीकात्मक रखने का निवेदन किया है. इस सन्दर्भ में पीएम ने आज महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से फ़ोन पर बात की और उनसे कोरोना की लड़ाई में उनसे सहयोग की अपील की. उन्होंने अब कुम्भ स्नान को जनहित में रोकने की अपील की. स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी लोगों से कुम्भ स्नान के लिए बड़ी संख्या में नहीं आने की आपील जारी की है.
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जानकारी ट्विटर के माध्यम से साझा की है. उन्होंने कहा है कि ” आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। “
पीएम ने कहा है कि ” मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।”
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी सोशल मिडिया के माध्यम से लोगों के नाम आपील जारी की है. उन्होंने अपने सन्देश में कहा हैं कि ” माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! जीवन की रक्षा महत पुण्य है।मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए न आएँ एवं नियमों का निर्वहन करें ! “
दूसरी तरफ कोरोना महामारी का प्रकोप कुंभ मेले पर भी दिखाई दे रहा है। हरिद्वार कुंभ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने कुंभ मेला समापन का ऐलान किया है। अखाड़े के कुंभ मेला प्रभारी और सचिव महंत रविंद्रपुरी ने कहा कि कोरोना का प्रसार तेज हो गया है 17 अप्रैल को कुंभ मेला का समापन किया जाएगा।
महंत ने कहा कि अब साधु संत और श्रद्धालु भी कोरोना की चपेट में आने लगे हैं। इसलिए 17 अप्रैल को निरंजनी अखाड़े के साधु संतों की छावनियां खाली कर दी जाएंगी। इस दौरान उन्होंने कोरोना को ध्यान अन्य अखाड़ों से भी कुंभ मेला समापन के लिए अनुरोध किया है। महंत ने कहा है कि जिन संतों को 27 अप्रैल का स्नान करना होगा वो पैदल चले जाएंगे। लेकिन इसका फैसला उस समय की स्थिति को देखकर लिया जाएगा।