सुभाष चौधरी
नई दिल्ली : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में प्रस्तावित “वाहन स्क्रैपिंग नीति” पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने संसद को बताया कि भारत में 20 साल से पुराने 51 लाख हल्के मोटर वाहन हैं और 15 साल से पुराने 34 लाख हल्के मोटर वाहन हैं। उन्होंने जानकारी दी कि सके अलावा लगभग 17 लाख मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन हैं, जो 15 साल से अधिक पुराने हैं और उनके पास वैध फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं हैं। पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में पर्यावरण को 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषित करते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर वाहनों से चलने वाले और पैदल चलने वाले लोगों की सुरक्षा और स्वच्छ वातावरण के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय “वाहन स्क्रैपिंग नीति” की शुरुआत कर रहा है। जो कि स्वैच्छिक रुप से वाहनों के आधुनिकीकरण का एक कार्यक्रम होगा। जिसका उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले अनफिट वाहनों को सड़क से हटाने के लिए एक इको सिस्टम बनाना है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य पुराने और प्रदूषण फैलाने वाहनों की संख्या को कम करना है। जिसके जरिए भारत में वायु प्रदूषण को कम किया जा सके और भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को हासिल किया जा सके। साथ ही सड़क और वाहनों की सुरक्षा में सुधार किया जाय। जिसके जरिए बेहतर ईंधन दक्षता प्राप्त की जा सके और , मौजूदा असंगठित वाहन स्क्रैपिंग उद्योग को संगठित उद्योग के रूप में स्थापित किया जा सके। ऐसा होने से ऑटोमोटिव , स्टील और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को सस्ता कच्चा माल भी उपलब्ध हो सकेगा।
उनके अनुसार इस इको सिस्टम से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश और 35 हजार नौकरी के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। मंत्रालय अगले कुछ हफ्तों में इस संबंध में मसौदा पेपर जारी करेगा। जो कि 30 दिनों के लिए सभी हितधारकों की टिप्पणियों और विचारों को जानने के लिए उपलब्ध होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वाहनों को दो तरीके से स्क्रैप किया जा सकेगा। जो वाणिज्यिक वाहन के लिए, स्वचालित फिटनेस सेंटर के फिटनेस सर्टिफिकेट और निजी वाहन के मामले में उसके पंजीकरण के नवीनीकरण के आधार पर तय होगा। यह मानक जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान जैसे विभिन्न देशों के मानकों के तुलनात्मक अध्ययन के बाद अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर बनाए गए हैं। फिटनेस परीक्षण में विफल रहने वाले या अपने पंजीकरण प्रमाण पत्र का नवीनीकरण कराने में विफल रहने वाले वाहन की आयु खत्म घोषित कर दी जाएगी। वाहन के फिटनेस का निर्धारण मुख्य रूप से उत्सर्जन परीक्षण, ब्रेकिंग, सुरक्षा उपकरण सहित कई अन्य मानकों पर परीक्षणों के आधार पर होगा। जो कि केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के आधार पर बनाया गया है।
उनका कहना था कि यह प्रस्तावित किया गया है कि अगर कोई वाणिज्यिक वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने में विफल हो जाता है तो उसका 15 साल बाद पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा ऐसे वाहनों को हतोत्साहित भी किया जाएगा, जिनके पंजीकरण को 15 साल पूरे हो चुके हैं। उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र पाने के लिए ज्यादा फीस देनी होगी। इस मामले में उनकी पंजीकरण तिथि पहली पंजीकरण तिथि से गणना की जाएगी।
उन्होंने यहाँ भी कहा कि इसी तरह निजी वाहनों के लिए यह प्रस्ताव किया गया है कि अनफिट पाए जाने वाले निजी वाहनों का 20 साल के बाद पंजीकरण रद्द हो जाएगा। इसी तरह पुराने वाहनों को हतोत्साहित करने के लिए 15 साल के बाद बढ़ा हुआ पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। 15 साल की अवधि की गणना पहले पंजीकरण तिथि के आधार पर होगी।
सरकारी वाहनों के मामले पर उनका कहना था कि यह भी प्रस्तावित किया जा रहा है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगर निगम, पंचायत, राज्य परिवहन उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और केंद्र और राज्य सरकारों के साथ स्वायत्त निकायों के सभी वाहनों को पंजीकरण तिथि के 15 साल बाद स्क्रैप कर दिया जाएगा। साथ ही उनका पंजीकरण भी रद्द हो जाएगा। स्क्रैपिंग केंद्र वाहन मालिकों को स्क्रैप प्रमाण पत्र देंगे और साथ ही वाहन मालिकों को कई वित्तीय प्रोत्साहन भी मिलेंगे।
पुराने वाहन स्क्रेप करने वालों को क्या होगा फायदा ? :
(1) स्क्रैपिंग सेंटर द्वारा पुराने वाहन के लिए दी गई स्क्रैप कीमत , एक नए वाहन की एक्स-शोरूम कीमत का लगभग 4-6% होगी।
(2) राज्य सरकारों को सलाह दी जाती है कि वह स्क्रैप कराने वाले वाहनों मालिकों को पथ कर में निजी वाहनों पर 25 फीसदी तक और वाणिज्यिक वाहनों पर 15 फीसदी तक की छूट प्रदान करें।
(3) वाहन निर्माताओं को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के बदले में नए वाहन खरीदने पर 5% की छूट प्रदान करने का सुझाव दिया गया है।
(4) इसके अलावा, स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के बदले नए वाहन की खरीद के लिए पंजीकरण शुल्क भी माफ किया जा सकता है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पूरे भारत में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) की स्थापना को बढ़ावा देगा। और इस तरह के केंद्र खोलने के लिए सार्वजनिक और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। पूरे भारत में एकीकृत स्क्रैपिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ चिन्हित किए गए स्थानों में गुजरात का अलंग भी शामिल है। जहां कई अन्य संभावित केंद्रों के बीच स्क्रैपिंग के लिए एक अति विशिष्ट केंद्र विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। वहां विभिन्न स्क्रैपिंग तकनीकों को एक साथ समन्वित किया जा सकेगा।
उन्होंने घोषणा की कि एक सरलीकृत पंजीकरण प्रक्रिया बनाने के लिए एकल खिड़की व्यवस्था को लागू किया जाएगा । जिसमें स्क्रैपिंग सुविधाओं को पर्यावरण और प्रदूषण मानदंडों के कानून और अन्य नियमों का पालन करना होगा। इस बात की भी व्यवस्था की जाएगी कि स्क्रैपिंग केंद्रों में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा, वायु, पानी और ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए उपकरण और खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन और उनके निपटारे की पर्याप्त सुविधाएं मौजूद रहें।
इसी तरह मंत्रालय, राज्य सरकारों, निजी क्षेत्र, ऑटोमोबाइल कंपनियों आदि को पीपीपी मॉडल पर स्वचालित स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने नई नीति के प्रावधानों की चर्चा करते हुए कहा कि इन केंद्रों में टेस्ट-लेन, आईटी सर्वर, पार्किंग और वाहनों की मुफ्त आवाजाही के लिए पर्याप्त जगह बनानी होगी। हितों के टकराव से बचने के लिए, फिटनेस सेंटर के संचालक केवल परीक्षण सुविधाएं ही प्रदान करेंगे और अतिरिक्त सेवाओं जैसे मरम्मत / उपकरणों की बिक्री का काम नहीं कर सकेंगे। फिटनेस सेंटर के लिए ऑनलाइन बुकिंग की जा सकेगी है और परीक्षण रिपोर्ट भी एक इलेक्ट्रॉनिक मोड में उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रस्तावित स्क्रैप नीति को लागू करने की क्या होगी समय सीमा ?
1. फिटनेस टेस्ट और स्क्रैपिंग सेंटर के लिए नियम: 01 अक्टूबर 2021
2. 15 वर्ष से अधिक आयु के सरकारी और पीएसयू वाहनों की स्क्रैपिंग: 01 अप्रैल 2022
3. भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य फिटनेस टेस्ट: 01 अप्रैल 2023
4. अनिवार्य फिटनेस टेस्ट (अन्य श्रेणियों के लिए चरणबद्ध तरीके से): 01 जून 2024kendriiy