जयपुर, 8 फरवरी। जलदाय मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कहा है कि केंद्र सरकार ने जलदाय योजनाओं में राज्यों को मिलने वाले अनुदान को लगभग आधा कर दिया है। इस कारण पेयजल योजनाओं को पूरा करने में काफी कठिनाई आ रही है। साथ ही, कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के समय फंड की कमी से जूझ रही राज्य सरकारें हर घर को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने में भी मुश्किलों का सामना कर रही हैं। जलदाय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 से पहले तक इन योजनाओं में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत अनुदान देती थी। लेकिन अब इसे आधा कर सिर्फ 45 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा, जल जीवन मिशन में 10 प्रतिशत आम जनता का हिस्सा रखा गया है। ये भी राज्यों के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है।
डॉ. कल्ला सोमवार को जल भवन में राजस्थान जलदाय तकनीकी कर्मचारी संघ के डायरी विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डायरी का विमोचन करते हुए उन्हाेंने कहा कि ये पहली बार है जब तकनीकी कर्मचारियों की ऎसी डायरी जारी की गई है। इससे न सिर्फ कर्मचारियों को बल्कि आम जन के लिए भी संपर्क की सुविधा बढ़ सकेगी। इस अवसर पर डॉ. कल्ला ने लॉकडाउन के दौरान रामगंज चौपड़ पर पाइपलाइन को दुरुस्त करने के काम की सराहना करते हुए तकनीकी कर्मचारियों को सर्वाधिक उपयोगी वर्ग बताया।
आने वाले गर्मियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए डॉ. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संवेदनशील प्रशासक हैं और उन्होंने गर्मियों में पेयजल किल्लत न होने देने के पहले ही निर्देश दे दिए हैं।
कार्यक्रम में मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने जयपुर शहर के लिए 165 करोड़ रुपए की पेयजल योजना का उल्लेख करते हुए जलदाय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि इस योजना का लगभग 80 प्रतिशत लाभ हवामहल विधानसभा क्षेत्र को और खासकर जयसिंहपुरा खोर को मिला है।
इस कार्यक्रम में तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष संतोष विजय और बड़ी संख्या में जलदाय विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी सम्मिलित हुए।