नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने देशभर के लोगों तक कोविड-19का टीका पहुंचाने के लिए कमर कस ली है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय कोविड-19 वैक्सीन को लोगों तक पहुँचाने के लिए काफी सक्रियता से काम कर रहा है। मंत्रालय पिछले कई महीनों से लगातार देशभर के विभिन्न राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोविड-19 टीकाकरण को शुरू करने की तैयारियाँ सही दिशा में आगे बढ़ें।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने हाल ही में दो कोविड टीकों को आपात स्थिति में उपयोग करने की अनुमति दी है। जल्द ही टीकाकरण शुरू होने की उम्मीद है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि देशभर में टीकाकरण अभियान के संचालन से जुड़ी सभी सुनियोजित प्रणालियों का कम से कम एक बार परीक्षण अवश्य किया जाए।
टीकाकरण की वास्तविक तैयारियों का परीक्षण करने के लिए देशभर के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 700 से अधिक ज़िलों (हरियाणा और उत्तर प्रदेश को छोड़कर, यहाँ या तो पहले ही ड्राई रन संचालित किया जा चुका है, या फिर क्रमशः 5 और 7 जनवरी को आयोजित किया जाएगा) में 8 जनवरी को दूसरे चरण का ड्राई रन (मॉक ड्रिल) चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सभी ज़िलों में वैक्सीन आपूर्ति के लिए कुशल योजना और प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।पिछले ड्राई रन की तरह इस बार भी प्रत्येक ज़िले में तीन स्तरों पर टीकाकरण स्थान निर्धारित किए जाएंगे। इनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं (ज़िला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज), निजी स्वास्थ्य सेवाएं और ग्रामीण अथवा शहरी पहुँच वाले स्थान शामिल हैं।
इस बारे में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ 7 जनवरी 2021 को एक बैठक करेंगे, जिसमें राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को ड्राई रन के संचालन के बारे में जानकारी दी जाएगी। ज़िलाधीश के नेतृत्व में टीकाकरण स्थल पर लाभार्थी पंजीकरण, माइक्रोप्लानिंग और टीकाकरण सहित संपूर्ण टीकाकरण अभियान की व्यापक तैयारियों का परीक्षण किया जाएगा। ड्राई रन से राज्य, ज़िला, ब्लॉक और अस्पताल स्तर के अधिकारी भी कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने के बारे में परिचित होंगे। यह गतिविधि प्रशासन को नियोजन, कार्यान्वयन और रिपोर्टिंग तंत्र के बीच संबंधों को मज़बूत करने, वास्तविक कार्यान्वयन से पहले किसी भी अनचाही चुनौती की पहचान करने और टीकाकरण अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सभी स्तरों पर कार्यक्रम प्रबंधकों का आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगी।
वास्तविक टीकाकरण की शुरुआत से पहले होने वाले इस ड्राई रन के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिनभर राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के संपर्क में रहकर उनका फीडबैक लेने, सहायता प्रदान करने और इस दौरान आने वाली चुनौतियों का निर्धारित समय में समाधान सुनिश्चित करने का काम करेगा।
संपूर्ण टीकाकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वैक्सीन के भंडार की वास्तविक जानकारी, उनके भंडारण के तापमान और कोविड-19 वैक्सीन के लिए लाभार्थियों के व्यक्तिगत आकलन के लिए एक सॉफ्टवेयर-कोविन विकसित किया गया है। यह सॉफ्टवेयर टीकाकरण सत्रों के संचालन में सभी स्तरों पर कार्यक्रम प्रबंधकों की सहायता करेगा। कोविन उपयोगकर्ताओं के तकनीकी प्रश्नों के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाला एक कॉल सेंटर भी बनाया गया है। कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए सिरिंज और अन्य सामान की पर्याप्त आपूर्ति के साथ शीत भंडारण (जैसे वॉक-इन-फ्रीज़र्स, वॉक-इन-कूलर्स, आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर्स, डीप फ्रीज़र्स) की बुनियादी व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
टीकाकरण स्थल पर अपनाई जानी वाली प्रक्रिया का अनुपालन करने के लिए 1.7 लाख टीका लगाने वालों और टीकाकरण टीम के 3 लाख सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है। इसमें लाभार्थी का सत्यापन, टीकाकरण, शीत भंडार और लॉजिस्टिक प्रबंधन, जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, एईएफआई प्रबंधन और को-विन सॉफ्टवेयर पर विभिन्न सूचनाओं की जानकारी देना शामिल हैं। कोविड-19 के विभिन्न पक्षों से संबद्ध विस्तृत परिचालन दिशानिर्देश (टीकाकरण नियोजन और प्रबंधन, टीकाकरण स्थल लेआउट और उसका संगठन, आईएफआई प्रबंधन, आईईसी संदेश, संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण व्यवस्था आदि) राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साझा किए जा चुके हैं। राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश दिशा-निर्देशों के अनुसार काम कर रहे हैं।