नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र एसडीएमए से कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच नांदेड़ गुरद्वारे में दशहरा जुलूस निकालने पर वह फैसला करे।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा कि जमीनी स्थिति के आधार पर निर्णय करना होगा।
दशहरे की छुट्टी के दौरान मामले की सुनवाई के लिए गठित इस पीठ में न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी भी शामिल थे।
पीठ ने नांदेड़ गुरद्वारा प्रबंधन से एसडीएमए के समक्ष मंगलवार तक प्रतिवेदन दाखिल करने का निर्देश भी दिया।
उच्चतम न्यायालय ने गुरद्वारा प्रबंधन से कहा कि अगर वह महाराष्ट्र एसडीएमए के निर्णय से संतुष्ट नहीं होता है, तो वह बम्बई उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है।
इससे पहले, महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि कोविड-19 के बीच नांदेड़ गुरुद्वारे को परम्परा के मुताबिक दशहरा जुलूस निकालने की अनुमति देना ‘‘व्यावहारिक रूप से सही विकल्प’’ नहीं है और राज्य सरकार ने वायरस का प्रसार रोकने के लिए धार्मिक उत्सवों के आयोजन को अनुमति नहीं देने का फैसला सोच-समझकर किया है।
‘नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड श्री हजूर अबचलनगर साहिब बोर्ड’ ने न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में बोर्ड ने तीन सदियों से चली आ रही परम्परा ‘दशहरा, दीपमाला और गुरता गद्दी’ का आयोजन कुछ शर्तों के साथ करने देने की अनुमति मांगी थी।