रेल मंत्री गोयल ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में लगे ठेकेदारों पर कड़ी नजर रखने को कहा

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नई दिल्ली। रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान, वरिष्ठ अधिकारियों ने परियोजना की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश के दादरी को मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपीटी) से जोड़ने वाला पश्चिमी गलियारा और साहनेवाल, लुधियाना (पंजाब) से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के दानकुनी में समाप्त होने वाला पूर्वी गलियारा, दिसंबर, 2021 तक पूरे हो जायेंगे।

श्री गोयल ने कोविड के दौरान लॉकडाउन के कारण समय में हुई क्षति की भरपाई के लिए डीएफएफसीआईएल प्रबंधन टीम को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र की पहचान करने और इसके लिए मिशन मोड में समाधान प्रस्तुत करने की सलाह दी। उन्होंने सुझाव दिया कि युवाओं को शामिल करने के कदम को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि सर्वोत्तम समाधान प्राप्त किये जा सकें।

बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि सभी ठेकेदारों के काम की सख्त निगरानी की जाए। राज्यों के साथ समन्वय सहित सभी मुद्दों का समाधान मिशन मोड पर किया जाना चाहिए। परियोजना की साप्ताहिक प्रगति की निरंतर निगरानी के लिए नया तंत्र विकसित किया जायेगा।

समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी रेल अवसंरचना परियोजनाओं में से एक है। कुल लागत 81,459 करोड़ रुपये आंकी गई है। डीएफसीसीआईएल की स्थापना, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की योजना बनाने, विकास करने, वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करने, निर्माण करने, रखरखाव और संचालन करने के लिए बनाई गयी एक विशेष उद्देश्य कंपनी के रूप में की गई है। पहले चरण में संगठन पश्चिमी डीएफसी (1504 किमी) और पूर्वी डीएफसी (1856 किमी) का निर्माण कर रहा है, जिनकी कुल लंबाई 3360 किमी है।

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