नई दिल्ली। मीडिया प्रोडक्शन एक अत्यंत प्रमुख आर्थिक गतिविधि है जिसने हमारे देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में व्यापक योगदान दिया है। कोविड-19 महामारी को देखते हुए यह अत्यंत आवश्यक है कि मीडिया प्रोडक्शन से जुड़ी गतिविधियों में शामिल विभिन्न हितधारक अपने-अपने परिचालनों एवं गतिविधियों को फिर से शुरू/संचालित करते समय महामारी के संक्रमण को नियंत्रण में रखने के लिए निश्चित तौर पर समस्त उपयुक्त उपाय करें।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के परामर्श से मीडिया प्रोडक्शन के लिए निवारक उपायों पर मार्गदर्शक सिद्धांतों के साथ-साथ मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) भी तैयार की हैं, जिन्हें आज नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने जारी किया है। मार्गदर्शक सिद्धांतों की मुख्य बातों में सामान्य सिद्धांत शामिल हैं, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिए गए हैं। इनमें अन्य बातों के अलावा वे गैर-आवश्यक गतिविधियां शामिल हैं जिनकी अनुमति कोविड-19 से संबंधित कंटेनमेंट (सील) जोन में नहीं है। इन सिद्धांतों के तहत ज्यादा जोखिम वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त सावधानियां बरतनी होंगी। इसी तरह फेस कवर/मास्क पहनना होगा, बार-बार हाथ धोना पड़ेगा, हैंड सैनिटाइजर, इत्यादि की व्यवस्था करनी होगी और इसके साथ ही विशेषकर मीडिया प्रोडक्शन के संबंध में श्वसन से जुड़ी तहजीब या नियम-कायदों को ध्यान में रखना होगा।
मंत्रालय ने इस सेक्टर में अधिसूचित अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं या तौर-तरीकों को ध्यान में रखते हुए सामान्य एसओपी तैयार की हैं जिनमें सामाजिक या भौतिक दूरी बनाए रखना, शूट वाले स्थानों के लिए निर्दिष्ट प्रवेश एवं निकासी मार्गों की व्यवस्था करना, सैनिटाइजेशन, कर्मचारियों की सुरक्षा, न्यूनतम संपर्क सुनिश्चित करना और क्वारंटाइन/आइसोलेशन सहित गृह मंत्रालय द्वारा जारी यात्रा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना शामिल हैं। विशेषकर फेस मास्क के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के अनुसार, कैमरे के सामने मौजूद अभिनेताओं को छोड़कर अन्य सभी कलाकारों और शूटिंग करने वाली टीम के सदस्यों के लिए फेस मास्क अनिवार्य किया गया है।
मीडिया प्रोडक्शन फिर से शुरू करते समय सभी राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारकों द्वारा मार्गदर्शक सिद्धांतों और एसओपी का उपयोग किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा, ‘एसओपी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप है। इससे कोरोना वायरस के कारण तकरीबन 6 माह से बेहद प्रभावित उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी और लोग मंत्रालय के इस कदम का स्वागत करेंगे।’ श्री जावड़ेकर ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विकास को नई गति प्रदान करना भी है क्योंकि फिल्म और टेलीविजन सेक्टर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देता है।
केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि सभी राज्य ‘एसओपी’ को स्वीकार करेंगे एवं इसे लागू करेंगे तथा आवश्यकता पड़ने पर कुछ अन्य शर्तों को इसमें जोड़ देंगे। मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और गृह मंत्रालय के परामर्श से जारी किया गया है।