नई दिल्ली । गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद सम्मेलन (एनपीपीसी) के चौथे संस्करण का आज केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ऑनलाइन उद्घाटन किया। यह सम्मेलन जीईएम स्थापना दिवस की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। एनपीपीसी का विषय ‘प्रौद्योगिकी सक्षम सरकारी खरीद-दक्षता, पारदर्शिता और समावेश की ओर’ है।
जीईएम के सरकारी खरीद में एक क्रांतिकारी परिवर्तक बनने की सफलता की सराहना करते हुए श्री गोयल ने अधिक-से-अधिक खरीदारों और विक्रेताओं का इस प्रणाली में शामिल होने का आह्वान किया। यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि जीईएम राष्ट्र के विकास के लिए अपने महत्व को दर्शाने और पैसा बचाने में समर्थ होगा,उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शी, सहज, आसान, कुशल और तेजी से खरीदारी करने में मदद मिली है। सभी जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध हैं और इस प्रणाली में किसी भी प्रकार की हेरा-फेरी करने वाले बाहरी व्यक्ति की आसानी से पहचान की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार का खरीदारों को जीईएम में देरी से भुगतान के लिए ब्याज देने के लिए कहने का निर्णय एक बहुत महत्वपूर्ण कदम हैं। इसी समय श्री गोयल ने उन बेईमान विक्रेताओं को भी खराब गुणवत्ता के सामान भेजने या बहुत अधिक कीमत लगाने के बारे में आगाह करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को न केवल जीईएम पोर्टल से बल्कि पूरे सरकारी पारिस्थितिकी तंत्र से ही बाहर कर काली सूची में डाल दिया जाएगा।
श्री पीयूष गोयल ने सीआईआई की ओर से जीईएम के साथ भागीदारी करने तथा इसकी देश के हर कोने और नुक्कड़ तक पहुंच का विस्तार करने के प्रस्ताव का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जीईएम को सहज, पारदर्शी, खुले और कुशल तथा प्रौद्योगिकी चालित होने का लाभ प्राप्त है और यह अधिक-से-अधिक खरीदारों और विक्रेताओं के इस प्रणाली के साथ जुड़ने से गति प्राप्त करेगा। अधिक खरीदारी के आदेशों से अधिक-से-अधिक खरीदारों को इससे जुड़ने के लिए बढ़ावा मिलेगा, जिससे अधिक प्रतिस्पर्धा होगी और गुणवत्ता युक्त उत्पादों की सस्ते मूल्ये पर उपलब्धता सुनिश्चित होगी। श्री गोयल ने कहा ‘जितना ज्यादा उतना अच्छा।’
उन्होंने कहा कि सरकार समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले लोगों तक पहुंच बनाने के लिए प्रयास कर रही है। इन लोगों को लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं वंचित रखा गया था। उन्होंने कहा कि बचाया गया प्रत्येक पैसा ही पैसा अर्जन है। अधिक प्रतिस्पर्धा और दक्षता सरकार को पैसा बचाने में मदद करती है और जब यह पैसा जनता की भलाई के लिएउपयोग किया जाता है तो यह लायक लोगों तक पहुंच जाता है। श्री गोयल ने कहा कि सरकार ईमानदारी ला रही है और भ्रष्टाचार को समाप्त कर रही है। प्रौद्योगिकी से पारदर्शिता बढ़ती है जिससे विश्वास बढ़ता है जो देश के परिवर्तन में मदद मिलती है। हम भ्रष्टाचार से स्वच्छ सरकार की ओर बढ़े हैं इससे जनता का विश्वास भी बढ़ा है और इससे देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक-से-अधिक वाणिज्य को बढ़ावा मिल रहा है।
श्री गोयल ने कहा कि टेलीविजन मीडिया की सफलता टीआरपी रेटिंगमें मापी जाती है। इसी तरह जीईएम की सफलता सरकारी खरीद में लोगों के विश्वास, विश्वसनीयता (कम कीमत और समय पर गुणवत्ता युक्त उत्पादों की आपूर्ति) और समृद्धि (राष्ट्र और जनता) द्वारा मापी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अधिकतम दक्षता न्यूनतम सरकार से आती है और खरीदारी में ई-प्रक्रिया इस दिशा में उठाया गया कदम है।
उन्होंने घोषणा की कि भारतीय रेल जीईएम से खरीदारियों का समेकन करने के लिए आपस में ईमानदारी से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे वर्तमान में प्रतिवर्ष खरीदारी पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। जीईएम के साथ प्रणाली के समेकन से कम-से-कम 10 से 15 प्रतिशत की बचत होगी, जो लगभग 10,000 करोड़ रुपये है। श्री गोयल ने कहा कि पैसे की बचत के अलावा इस समेकन से प्रयासों और श्रमशक्ति में बचत होगी और प्रणाली में अधिक दक्षता और पारदर्शिता आएगी।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोमप्रकाश ने कहा कि इस सम्मेलन ने विक्रेताओं और खरीदारों को आपस में बातचीत करने का एक अच्छा अवसर उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स, कारीगर, स्वयं सहायता समूह, एमएसएमई, ऐसे प्लेटफॉर्मों को बहुत लाभदायक पाएंगे। उन्होंने जीईएम प्रणाली से बाहर सरकारी खरीदारी में कमी लाने का आह्वान किया।
जीईएम के सीईओ श्री तलीन कुमार ने कहा कि जीईएम का उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में दक्षता, पारदर्शिता लाना, समावेश को बढ़ाना और खरीदारों की सुविधा के लिए प्रत्यक्ष खरीदारी ई-बिडिंग और रिवर्स ऑक्शन के माध्यम उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें अपने धन का श्रेष्ठ मूल्य मिले। उन्होंने कहा कि जीईएम में बढ़ती हुई पारदर्शिता, दक्षता और समावेशी मंच का समावेश है इसलिए एमएसएमई ने जीईएम पर संचयी सकल व्यापार मूल्य का 57 प्रतिशत से अधिक अर्जन किया है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के तहत मेक इन इंडिया पहल को प्रोत्साहन देने तथा ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने इसे जीईएम के साथ सभी विक्रेताओं के लिए अनिवार्य बना दिया है तथा नए उत्पादों को पंजीकृत करते समय उसके निर्माण देश की जानकारी देना भी जरूरी बनाया गया है।
इस वर्ष के ऑनलाइन सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं में जीईएम– जीईएम 4.0 के बड़े संस्करण का विस्तृत अवलोकन भी शामिल है। इसके अलावा एमएसएमई स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों, बुनकरों और कारीगरों, सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा और सार्वजनिक खरीद में रेलवे की भूमिका पर वर्चुअल पैनल सत्र शामिल हैं। एनपीपीसी 2020 में कुछ अन्य विशेषताओं में सरकारी खरीदारों और विक्रेताओं के बीच वर्चुअल बी2बी और बी2जी बैठकें, जीईएम विशेषेताओं और नए विकास पर प्रशिक्षण और तकनीकी सत्र,मौके पर प्रश्नों के समाधान के लिए एक वर्चुअल जीईएम स्टॉलतथा खरीदारों और विक्रेताओं के पंजीकरण में सहायता प्रदान करना तथा सेवाओं के लिए विशेष सत्र शामिल हैं। सीआईआई के महानिदेशक श्री चन्द्रजीत बनर्जी ने भी इस अवसर पर सम्बोधित किया।