तीन हजार करोड़ से बनने वाली मणिपुर जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी
नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मणिपुर जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी. इस योजना पर लगभग 3 हजार करोड़ खर्च होगा जिससे उस राज्य की पेयजल की समस्या का बड़े पैमाने पर निदान हो सकेगा. इस अवसर पर विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि कोरोना के संकट काल में भी देश रुका नहीं, थमा नहीं है और थका भी नहीं है. उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर कि इस बार पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत दोहरी चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है। नार्थ ईस्ट में फिर इस साल भारी बारिश से बहुत नुकसान हो रहा है। अनेक लोगों की मृत्यु हुई है, कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि हमारा ये Northeast, एक प्रकार से पूर्वी एशिया के साथ हमारे प्राचीन सांस्कृतिक रिश्तों और भविष्य के Trade, Travel और Tourism के रिश्तों का गेटवे है। इसीलिए मणिपुर सहित पूरे Northeast में कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर निरंतर बल दिया जा रहा है. आज गरीब से गरीब के किचन तक LPG गैस पहुंच चुकी है। हर गांव को अच्छी सड़क से जोड़ा जा रहा है। हर गरीब बेघर को रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध कराए जा रहे हैं.भारत अपने नागरिकों को जीवन की हर जरूरी सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है। पीएम ने कहा कि बीते 6 साल में हर स्तर पर, हर क्षेत्र में वो कदम उठाए गए हैं, जो गरीब को, सामान्य जन को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।
प्रधान मंत्री ने कहा कि आज मणिपुर सहित पूरा भारत खुले में शौच से मुक्त है. Ease of Living, बेहतर जीवन की एक ज़रूरी शर्त है। पैसा कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन Ease of Living पर सबका हक है, हर गरीब का हक है। इसलिए बीते 6 वर्षों में भारत में Ease of Living का भी एक बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा है. होने कहा कि पिछले वर्ष जब देश में जल जीवन मिशन की शुरुआत हो रही थी, तब मैंने कहा था कि हमें पहले की सरकारों के मुकाबले कई गुना तेजी से काम करना है।
उनका कहना था कि जब 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पानी पहुंचाना हो, तो एक पल के लिए भी रुकने के बारे में सोचा नहीं जा सकता. ये प्रोजेक्ट आज की ही नहीं बल्कि अगले 20-22 साल तक की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस प्रोजेक्ट से लाखों लोगों को घर में पीने का साफ पानी तो उपलब्ध होगा ही, हज़ारों लोगों को रोज़गार भी मिलेगा.
पीएम मोदी. ने कहा कि आज इंफाल सहित मणिपुर के लाखों लोगों के लिए और विशेषकर यहां की हमारी बहनों के लिए बहुत बड़ा दिन है। लगभग 3,000 करोड़ रुपए की लागत से पूरे होने वाले मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होनी वाली हैं. नॉर्थ ईस्ट भारत की Natural और Cultural Diversity का, Cultural Strength का एक बहुत बड़ा प्रतीक है। भारत की आन, बान और शान है.
उन्होंने बल देते हुए कहा कि नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। उनका कहना था कि दिनों-दिन मेरा ये विश्वास इसलिए गहरा हो रहा है क्योंकि अब पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। जहां से पहले सिर्फ नेगेटिव खबरें आती थीं, वहां अब peace, prosperity और progress का मंत्र गूंज रहा है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लोकल प्रोडक्ट्स में वैल्यू एडिशन और उसकी मार्केटिंग के लिए क्लस्टर्स विकसित किए जा रहे हैं। ऐसे में नॉर्थ ईस्ट के आर्गेनिक प्रोडक्ट्स की चर्चा करते हुए कहा कि इसे देश के मार्केट तक पहुंचाने में हर मदद दी जाएगी. नार्थ ईस्ट में Bamboo इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए एक Bamboo इंडस्ट्रियल पार्क को स्वीकृति दी जा चुकी है। नेशनल बैंबू मिशन के तहत किसानों, हैंडीक्राफ्ट से जुड़े आर्टिस्ट्स और दूसरी सुविधाओं के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है.
पीएम ने कहा कि Roadways, Highways, Airways, Waterways और i-ways के साथ-साथ गैस पाइपलाइन का भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नॉर्थ ईस्ट में बिछाया जा रहा है। बीते 6 साल में पूरे नॉर्थ ईस्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हज़ारों करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. कोशिश ये है कि नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की राजधानियों को 4 लेन, डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर्स को 2 लेन और गांवों को all weather road से जोड़ा जाए। इसके तहत करीब 3 हज़ार किलोमीटर सड़कें तैयार भी हो चुकी हैं और करीब 6 हज़ार किलोमीटर के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है.
रेल कनेक्टिविटी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि रेल के क्षेत्र में तो नॉर्थ ईस्ट में बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। एक तरफ नए-नए स्टेशनों पर रेल पहुंच रही है, वहीं दूसरी तरफ नॉर्थ ईस्ट के रेल नेटवर्क को ब्रॉडगेज में बदला जा रहा है। आप सभी तो ये बदलाव अनुभव भी कर रहे हैं. इसी तरह नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य की राजधानियों को आने वाले 2 वर्षों में एक बेहतरीन रेल नेटवर्क से जोड़ने का काम तेज़ी से चल रहा है।
रोड और रेलवे के अलावा नॉर्थ ईस्ट की एयर कनेक्टिविटी को लेकर भी प्रधान मंत्री ने बताया कि आज नॉर्थ ईस्ट में छोटे-बड़े करीब 13 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स हैं। इंफाल एयरपोर्ट सहित नॉर्थ ईस्ट के जो मौजूदा एयरपोर्ट्स हैं, उनका विस्तार करने के लिए, वहां आधुनिक सुविधाएं तैयार करने के लिए 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं. नॉर्थ ईस्ट के लिए एक और बड़ा काम हो रहा है, Inland Waterways के क्षेत्र में। यहां अब 20 से ज्यादा नेशनल वॉटरवेज़ पर काम चल रहा है। भविष्य में यहां की कनेक्टिविटी सिर्फ सिलीगुड़ी कॉरिडोर तक सीमित नहीं रहेगी.नॉर्थ ईस्ट भारत की Natural और Cultural Diversity का, Cultural Strength का एक बहुत बड़ा प्रतीक है।
उनका कहना था कि जब आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होता है तो टूरिज्म को भी बहुत बल मिलता है। मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट का Tourism Potential अभी भी Unexplored है.Health, Education, Skill Development, start-ups और दूसरी अन्य ट्रेनिंग के लिए अब यहीं पर अनेक संस्थान बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और वर्ल्ड क्लास स्टेडियम्स बनने से मणिपुर देश के स्पोर्ट्स टैलेंट को निखारने के लिए एक बड़ा हब बनता जा रहा है. यही नहीं, देश के दूसरे हिस्सों में भी मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के सभी युवाओं को आज हॉस्टल समेत बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। विकास और विश्वास के इस रास्ते को हमें और मज़बूत करते रहना है। पीएम मोदी ने सभी को इस नए वॉटर प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं दी .