वर्तमान वैशिवक परिदृश्य में मेक इन इंडिया का सपना होगा साकार : दिनेश त्यागी
एक प्लेटफोर्म पर उद्योग, शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थान, स्टार्ट-अप, पेशेवर और विशेषज्ञ होंगे उपलब्ध
यह पोर्टल ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए समाधान और संसाधन मंच का रूप लेगा
पहले चरण में पोर्टल पर उपयोगकर्ताओं और विशेषज्ञों को जोड़ने की होगी कोशिश
आगामी 15 अगस्त तक पोर्टल के द्वितीय चरण के भी शुरू होने की संभावना
दूसरे चरण में उद्योग के समाधान के लिए परियोजनाओं को अंतिम रूप देना शामिल होगा
सुभाष चौधरी/समूह संपादक
गुरुग्राम : केन्द्रीय भारी उद्योग विभाग के सचिव के निर्देशन में भारी उद्योग विभाग की ओर से विभिन्न क्षेत्रों के लिए भारत में इनोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और प्रोडक्ट डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण दूरदर्शी मिशन का आरम्भ किया गया है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने वाले इस मिशन को धरातल पर मजबूती से लाने के लिए टेक्नोलॉजी प्लेटफोर्म ई-पोर्टल का निर्माण किया गया है. इस पोर्टल के माध्यम से तकनीकि विकास, सूचनाओं का आदान प्रदान और सम्बंधित क्षेत्र में नई खोज को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी. इस दृष्टि से अलग अलग संस्थानों द्वारा विशिष्ट क्षेत्रों के लिए ऐसे पांच ई पोर्टल विकसित किए जा रहे हैं. बिजली क्षेत्र के उपकरणों के लिए भेल, मशीन टूल्स के लिए एचएमटी, विनिर्माण प्रौद्योगिकी के लिए सीएमएफटीआई, मोटर वाहन क्षेत्र के लिए आईसीएटी और एआरएआई को यह जिम्मेदारी दी गई है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की मोनिटरिंग मानेसर स्थित भारत सरकार की विश्वस्तरीय ऑटोमोटिव टेस्टिंग सर्टिफिकेशन सेंटर, इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (ICAT) द्वारा की जा रही है .
आई केट ICAT मानेसर के निदेशक दिनेश त्यागी के अनुसार इन पोर्टलों का उद्देश्य एक ऐसी बहुआयामी तकनीकि व्यवस्था विकसित करना है जहाँ अपनी तकनीकि या औद्योगिक समस्याओं का समाधान चाहने वाले और समस्या का हल करने वाले विशेषज्ञ जुड़ पायेंगे। उन्होंने बताया कि यह आल इन वन की परिकल्पना को चरितार्थ करने वाला ऐसा प्लेटफोर्म है जहाँ उद्योग, शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थान, स्टार्ट-अप, पेशेवर और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ एक साथ उपलब्ध होंगे। श्री त्यागी के अनुसार आईकेट, मोटर वाहन उद्योग के लिए एस्पायर- ऑटोमोटिव सॉल्यूशंस पोर्टल फॉर इंडस्ट्री, रिसर्च एंड एजुकेशन नाम से इस टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म को विकसित कर रहा है.
श्री त्यागी का कहना है कि इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य भारतीय मोटर वाहन उद्योग को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत इस उद्योग से जुड़े सभी पक्षों को एक साथ लाकर इनोवेशन और विश्व स्तर पर हो रही तकनीकी प्रगति को अपनाने में भारतीय मोटर वाहन उद्योग को सुविधा मुहैया कराई जायेगी। इन गतिविधियों में उद्योग के लिए अनुसंधान और विकास, उत्पाद प्रौद्योगिकी विकास , तकनीकी नवाचार, तकनीकी और गुणवत्ता समस्या समाधान, विनिर्माण और प्रक्रिया प्रौद्योगिकी विकास, प्रौद्योगिकी विकास की चुनौतियां और भारतीय मोटर वाहन उद्योग के रुझानों की पहचान के लिए बाजार अनुसंधान और प्रौद्योगिकी सर्वेक्षण शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि ई-पोर्टल एक प्रौद्योगिकी मंच के रूप में कार्य करेगा जो संयुक्त प्रयासों के साथ उद्योग को नए युग में प्रवेश के लिए अनुकूल वातावरण मुहैया कराने के साथ साथ आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा। इसके तहत ऑटोमोटिव ओईएम, टियर 1 टियर 2 और टियर 3 कंपनियों, आरएंडडी संस्थानों और शिक्षाजगत (कॉलेजों और विश्वविद्यालयों) को प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक प्लेटफार्म पर लाने की कोशिश की जायेगी। यहाँ सभी पक्ष अपनी विशेषज्ञता का सर्वाधिक उपयोगी योगदान दे सकेंगे.
आईकेट निदेशक का मानना है कि वर्तमान वैशिवक परिदृश्य में यह एक समाधान और संसाधन मंच का रूप लेगा. इसके अलावा यह पोर्टल उद्योग की बड़ी से बड़ी चुनौतियों का समाधान भी मुहैया कराएगा जबकि प्रमुख मोटर वाहन प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए भी कार्य करेगा।
उन्होंने बताया कि एस्पायर पोर्टल आईकेट द्वारा तैयार किया गया है. भारी उद्योग विभाग के इस मिशन के पहले चरण के अंतर्गत गत 15 जुलाई को इसके प्रथम संस्करण https://aspire.icat.in को लाइव किया गया है। पहले चरण में कार्यक्षमता का आकलन करने के लिए पोर्टल पर उपयोगकर्ताओं और विशेषज्ञों को जोड़ा जाएगा. उन्होंने खुलासा किया कि आगामी 15 अगस्त तक पोर्टल के द्वितीय चरण के भी शुरू होने की पूरी संभावना है। दूसरे चरण में उद्योग की क्षेत्र आधारित चुनौतियां, टीम गठन और समस्याओं के निष्पादन के लिए परियोजनाओं को अंतिम रूप देना शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए जिन एजेंसियों व संस्थानों को जिम्मेदारी दी गई है सभी जोरशोर से इस मिशन को मूर्त रूप देने में जुटे हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इसी वर्ष 15सितम्बर तक यह पूरी तरह कार्य करने लगेगा। उनके शब्दों में लीक से अलग हट कर विकसित की जा रही इस व्यवस्था से ऑटोमोटिव औद्योगिक क्षेत्र की चुनौतियों के लिए सटीक समाधान मिलेगा. यहाँ उन्हें विस्तृत संसाधन डेटाबेस भी उपलब्ध कराया जाएगा साथ ही परियोजना की निगरानी करना व उसके सफल निष्पादन को भी सुनिश्चित किया जायगा.
आईकेट निदेशक त्यागी ने भारत में मजबूत और आत्मनिर्भर मोटर वाहन उद्योग विकसित करने के लिए इस प्रोजेक्ट को मील के पत्थर की संज्ञा दी और इसे केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत विजन के अनुरूप बातया ।