सुभाष चंद्र चौधरी
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने आगामी 19 जुलाई के दिन महाशिवरात्रि के अवसर पर गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले को छोड़कर पूरे प्रदेश में मंदिर 1 दिन के लिए खोलने का आदेश जारी किया है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं जिसका पालन करना सभी मंदिरों में आवश्यक होगा। इस अवसर पर किसी भी प्रकार की सामूहिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हरियाणा प्रदेश के गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले को छोड़कर अन्य सभी जिले के लोगों के लिए आज प्रदेश सरकार ने एक खुशखबरी दी है। लोग इस बात से बेहद परेशान थे कि हरिद्वार में कंवर यात्रा प्रतिबंधित कर दी गई थी जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इसे बंद रखने का ऐलान किया था। इस आलोक में हरियाणा सरकार ने भी अपने सभी जिले की डीसी को निर्देश जारी कर स्पष्ट तौर पर लोगों को किसी भी स्थिति में कांवर यात्रा करने या फिर हरिद्वार जल भरने के लिए नहीं जाने देने का निर्देश जारी करने को कहा था। इस आधार पर सभी जिले की डीसी की ओर से लगातार लोगों से अपील की जाती रही और अंततः आदेश जारी कर भी कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था।
लेकिन हजारों वर्षों से जारी इस धार्मिक परंपरा को लेकर लोगों के मन में बड़ा शौक था और लोग बड़ी बेसब्री से इस बात के इंतजार में थे कि कोविड-19 वायरस संक्रमण की स्थिति में सुधार हो और हरियाणा सरकार भी प्रदेश में दूसरे अन्य राज्यों की तरह सभी धार्मिक स्थलों को खोलने का ऐलान करें। हालांकि लॉकडाउन के दूसरे और तीसरे चरण में हरियाणा प्रदेश के लगभग सभी जिले केवल फरीदाबाद गुड़गांव और मुंह को छोड़कर स्थिति नियंत्रण में दिख रही थी जिससे संभावना इस बात की प्रबल थी कि अनलॉक वन में अन्य सभी गतिविधियों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों को भी आम जनता की पूजा अर्चना एवं इबादत के लिए खोल दिया जाएगा। लेकिन लॉकडाउन के चौथे चरण में प्रवेश करते करते हरियाणा की सभी जिले एक बार फिर संक्रमण की सीमा में आ गए और कोविड-19 वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता हुआ दिखने लगा।
ऐसे में हरियाणा सरकार के पास कोई विकल्प नहीं बचा और केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश के लिए अनलॉक वन का ऐलान करने के बावजूद व्यवसायिक औद्योगिक सहित अन्य गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति तो दी गई लेकिन प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थानों के साथ साथ व्यावसायिक मॉल को भी बंद रखने का निर्णय लिया।
अनलॉक दो मैं आने के बाद सरकार ने गुरुग्राम में भी मॉल स्कोर संचालित करने की अनुमति दे दी लेकिन धार्मिक स्थल और शिक्षण संस्थान फिर भी आगामी 31 जुलाई तक बंद रखने का ऐलान किया ।
इस बीच कोविड-19 संक्रमण काल में लॉकडाउन के चौथे पांचवें चरण का सामना करते हुए अनलॉक एक और दो में प्रवेश करने के साथ-साथ हिंदुओं का सर से शुद्ध आध्यात्मिक माह सावन भी आ गया जब प्रत्येक सनातन धर्मी पूरे माह भगवान शिव के दरबार में पूजा अर्चना करने जाते हैं। लेकिन इस बार कोविड-19 वायरस ने मंदिरों तक पहुंचने में लोगों के सामने बड़ी अड़चनें पैदा की।
सरकार ने बड़ी गंभीरता से विचार करने के बाद साल में एक बार आने वाला सावन के महत्व को समझते हुए और भगवान महादेव की पूजा अर्चना करने की लाखों लोगों की ललक का ख्याल करते हुए महाशिवरात्रि के दिन प्रदेश के सर्वाधिक संक्रमित 2 जिले को छोड़कर अन्य सभी जिले में मंदिर 1 दिन के लिए सुबह 5:00 बजे से रात्रि के 10:00 बजे तक खोलने की अनुमति देने का ऐलान किया। सरकार ने अपने निर्देश में यह साफ कर दिया है कि महाशिवरात्रि के दिन किसी भी प्रकार की सामूहिक गतिविधि शाम हुई पूजा प्रवचन समारोह कीर्तन गायन या फिर सामूहिक भंडारा जैसे आयोजन करने की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालु केवल सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के साथ फेस मास्क पहनते हुए भगवान भोलेनाथ की पूजा व्यक्तिगत तौर पर कर सकेंगे। सामूहिक तौर पर सामान्यतया 4 से 5 लोगों को मिलकर एक साथ पूजा करने की अनुमति नहीं होगी।
इसके साथ ही अरे सरकार की ओर से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि इस दौरान ना तो कोई पवित्र जल का छिड़काव कर सकेगा और ना ही किसी प्रकार के लंगर का वितरण । मंदिरों के आसपास सामूहिक तौर पर प्रसाद वितरण करने की अनुमति भी नहीं होगी और ना ही वह मंदिरों में आरती या अन्य धार्मिक गतिविधियों का आयोजन कर सकेंगे।
प्रदेश सरकार ने आज जारी उक्त निर्देश में सभी मंदिर प्रबंधकों और स्थानीय प्रशासन को मंदिर का समय-समय पर आवश्यकतानुसार सैनिटाइजेशन और दिस इन्फेक्शन भी करने का निर्देश दिया है।
सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी स्वास्थ्य सुरक्षा की सभी उपायों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
ध्यान रहे इस सुअवसर से सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले के लोगों को वंचित रखने का निर्णय लिया है क्योंकि इंदु जिले में कोविड-19 वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या मैं अभी भी वृद्धि हो रही है। पूरे प्रदेश के कुल कोविड-19 संक्रमित मरीजों में से आधे से अधिक इन्हीं 2 जिले से मिले हैं और इन जिले में कंटेनमेंट जोन एवं सर्वाधिक संक्रमित क्षेत्रों की संख्या भी सबसे अधिक है। इसलिए प्रदेश सरकार ने 2 जिले को इस सुविधा से अलग रखने का फैसला किया क्योंकि सरकारी तंत्र को इस बात की आशंका है कि अगर यहां सामाजिक या धार्मिक गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी तो इससे एक दिन में ही संक्रमण की धीमी हुई रफ्तार फिर तेज हो सकती है। इसलिए स्थानीय जिला प्रशासन की सलाह पर सरकार ने इन दो जिलों में धार्मिक आयोजन की अनुमति देकर किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने से परहेज किया।