गुरुग्राम जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे पी टी आई टीचर्स को संघर्ष में साथ देने का दिया आश्वासन
प्रदेश सरकार से अध्यादेश लाकर इनकी आजीविका सुनिशिचित करने की मांग की
गुरुग्राम : आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में बर्खास्त पी टी आई शिक्षकों की पुनर्बहाली की मानाग का समर्थन किया है. गुरुग्राम के पूर्व जिला अध्यक्ष व हरियाणा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सूर्यदेव यादव व आप गुरुग्राम लीगल सैल अध्यक्ष, एडवोकेट आशा सिंह गुरुग्राम जिला उपायुक्त कार्यालय ने धरने पर बैठे पीटीआई टीचर को संबोधित करते हुए व्यावहारिक दृष्टिकोण रखते हुए कानूनी तौर पर इस मसले का हल निकालने की मांग की. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांग जायज है और वे 10 साल नौकरी करने के बाद जीवन यापन की दृष्टि से सड़क पर खड़े हैं. उनकी समस्याओं का निराकरण करने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है और इस पर गंभीरता सेर विचार करने की जरूरत है.
सूर्यदेव यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध कोई भी सरकार या को भी व्यक्ति हो भी नहीं सकते हैं परंतु अपने नागरिकों के लिए सरकार मां-बाप समान होती है। जिस प्रकार माता-पिता अपने बच्चों का संरक्षण करते हैं उसी प्रकार सरकार को भी अपने हर नागरिक को संरक्षण देना चाहिए। 2010 में चाहे जो भी सरकार रही हो उस सरकार द्वारा 1983 पीटीआई टीचर्स भर्ती किए गए। उन्हें सरकार द्वारा परमानेंट व उनका प्रमोशन भी किया गया।
आम आदमी पार्टी नेता ने आश्चर्य व्यक्त किया कि आज 10 साल बाद 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए हरियाणा सरकार ने 10 साल पुराने पक्के व प्रमोशन प्राप्त किए हुए 1983 पीटीआई टीचर्स को अचानक नौकरी से निकाल दिया. इन टीचर्स के साथ अन्याय हुआ जैसा प्रतीत हो रहा है. उनका कहना है कि उस समय की सरकार द्वारा बनाई गई सिलेक्शन कमेटी द्वारा इनका सिलेक्शन किया गया था। इसमें इन टीचर्स की क्या गलती है ?
आप नेता ने यह कहते हुए सवाल खड़ा किया कि यदि भविष्य में भी इसी प्रकार से भर्ती किया जाना व उन्हें 10 साल बाद नौकरी से निकाले जाने की परम्परा जारी रही तो यह अपने आप में ना केवल उन कर्मचारियों के साथ अन्याय होगा बल्कि उनके परिवार व बच्चों के साथ भी घोर अन्याय होने के समान है। सूर्यदेव यादव ने कहा कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार 15 साल में तो कर्मचारी पेंशन के हकदार भी हो जाते है. ऐसे में उन्हें 10 साल में इस प्रकार से नौकरी से निकालना उनकी जिंदगी तबाह करने वाली नीति है. उन्होंने कहा कि अब उनकी उम्र सीमा अन्य सरकारी नौकरी हासिल करने की भी नहीं रही. ये सभी हरियाणा के वासी हैं. इन्हें भी रोजगार मुहैया करवाना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस मसले का हल कानूनी तौर पर निकलना चाहिए. संभव हो तो अध्यादेश लाकर उसे कानून में परिवर्तन इन्हें पुनः बहाली का लाभी देना चाहिए .
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें हाई कोर्ट ने सिलेक्शन में अनियमितता बरते जाने की शिकायत पर सुनवाई कर नियुक्ति रद्द कर दी थी. आम आदमी पार्टी के नेता सूर्यदेव यादव ने कहा कि अगर इसमें खामी बरती गई थी तो दंड भी उस समय की भर्ती करने वाली सिलेक्शन कमेटी के पदाधिकारियों, उस समय की सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों व जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को मिलना चाहिए ना कि इन पीटीआई टीचर्स को।
आप गुरुग्राम लीगल सैल अध्यक्ष, एडवोकेट आशा सिंह ने अपने संबोधन में जोर देते हुए कहा कि सरकार हमारी संरक्षक होती है. किसी भी सरकार को अपने नागरिकों का संरक्षक होना भी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए सरकार को अपने नागरिकों यानि 1983 पीटीआई टीचर्स की 10 साल की पक्की नौकरी चली जाने का दर्द महसूस करते हुये उन्हें अतिरिक्त वेटेज मार्क्स दे कर नई भर्ती के दौरान इन सभी का सिलेक्शन/ बहाली सुनिश्चित करनी चाहिए. साथ ही इन्हें एक्स्ट्राऑर्डिनरी प्रावधानों द्वारा 10 साल की सीनियोरिटी दी जानी चाहिए। इस मौके पर पीटीआई टीचर एसोसिएशन के जिला प्रधान सोनू यादव , दीपक प्रेम सागर, ललित हरेन्द्र धर्मवीर , मुनेश,बबिता , सुमन , रजनी, बनिता और राज सहित सभी पी टी आई टीचर्स मौजूद थे .
इससे पूर्व पीटी आई शिक्षकों ने पिछले दिनों गुरुग्राम आये सीएम मनोहर लाल का स्थानीय पी डब्ल्यू दी रेस्ट हाउस में घेराव किया था.