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जयपुर, 4 जून। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन पवन कुमार गोयल ने अधिकारियों को सकारात्मक सोच के साथ सम्मति (कंसेंट) प्राधिकार आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण करने के निर्देश दिए। गोयल गुरुवार को यहां झालाना स्थित मंडल कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।
श्री गोयल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उपजे हालातों के बीच उद्योग-धंधों के सुचारू संचालन में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की भी महती भूमिका है। अधिकारी पर्यावरण को बचाए रखने और प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित कानूनों का कड़ाई से पालन कराएं, लेकिन अनावश्यक औपचारिकताओं में नहीं उलझें। सकारात्मक सोच के साथ कंसेंट आवेदनों का निस्तारण करें। अनावश्यक बाधा बनकर आवेदनों को असीमित समय तक नहीं रोकें। उन्होंने कहा कि अधिकारी सेनेटाइजर, मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मानकों का पालन करते हुए ही निरीक्षण करें।
चेयरमैन ने कहा कि मंडल के अधिकारियों ने पिछले आठ माह में बेहतर कार्य कर लम्बित कंसेंट आवेदनों का रिकॉर्ड निस्तारण किया है। उसी की बदौलत लम्बित सम्मति प्राधिकार आवेदनों की पेंडेन्सी पिछले दस साल में सबसे कम हो गई है। मण्डल की पेंडेन्सी गत 31 मार्च को 5 हजार 389 थी जो अब एक जून को घटकर 4 हजार 502 रह गई है। उन्होंने कहा कि अधिकारी हर माह जितने नए आवेदन आते हैं उससे ज्यादा का निस्तारण कर इस पेंडेंसी को खत्म करें।
मंडल के मुख्य एनवायरमेंटल इंजीनियर विजय कुमार सिंघल ने कहा कि अधिकारी पूर्ण तत्परता से कार्य कर सम्मति प्राधिकार आवेदनों की पेंडेंसी समाप्त करने का लक्ष्य शीघ्र हासिल करने का प्रयास कर रहे है। बैठक में एक समान प्रकृति के आवेदनों को लिंक कर एक साथ निस्तारण करने की व्यवस्था शुरू करने सहित सम्मति निस्तारण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई।